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Goat Farming: एक्सपर्ट ने बताया कैसे बकरी पालन है बेरोजगार के लिए सबसे अच्छा बिजनेस, जानें यहां

कार्यक्रम में शमिल हुए लोगों की तस्वीर.

नई दिल्ली. बकरी पालन कम लागत में किए जाने वाला अच्छा काम है. ये बिजनेस न सिर्फ बेरोजगार युवाओं को एक मजबूत सोर्स आफ इनकम देता है, बल्कि इसको करने वाले लोग, दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं. गाौरतल​ब है कि गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के विस्तार शिक्षा निदेशालय ने पंजाब के बकरी पालकों के लिए उद्यमशीलता के अवसरों का पता लगाने के लिए बकरी पालकों, उद्यमियों और उद्योग के लिए विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया. जहां एक्सपर्ट ने बताया कि कैसे बकरी पालन बेरोजगारों के लिए बेहतरीन बिजनेस साबित हो सकता है.

इस अवसर पर कुलपति डॉ. जेपीएस गिल ने कहा कि बकरियों को दुनिया भर में भविष्य के पशु के रूप में देखा जा रहा है, ताकि बढ़ती मानव आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा मुहैया की जा सके. उन्होंने बकरी पालकों को किसान समूहों के माध्यम से अपने उत्पादों के (Value Addition) पर ध्यान केंद्रित करने और ज्यादा फायदा लेने के लिए प्रेरित किया है.

फायदेमंद मॉडल विकासित करने की जरूरत
वहीं इस दौरान विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि विचार-मंथन का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को लाभदायक बकरी पालन व्यवसायों के माध्यम से पशुधन क्षेत्र में शामिल करना था. इस काम में युवाओं को आगे आना चाहिए. विस्तार शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक डॉ. परमिंदर सिंह ने सफल प्रजनन इकाई की नींव के रूप में रिकॉर्ड रखने के तंत्र पर जोर दिया. डॉ. मंदीप सिंगला ने पंजाब में बकरी पालन के वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की संभावनाओं पर एक प्रेजेंटेशन दिया. राज्य में बकरी उत्पादन के लिए फायदेमंद व्यवसाय मॉडल विकसित करने पर विचार-विमर्श किया गया, विशेष रूप से युवा उद्यमियों की भागीदारी के साथ. प्रगतिशील किसानों ने विभिन्न पहलुओं पर अपने बहुमूल्य इनपुट साझा किए.

पढ़ें ​इस बिजनेस को लेकर किसने क्या कहा
बलविंदर सिंह मान ने त्योहारों के लिए अन्य राज्यों में बकरियों के बिक्री पर जोर दिया. बलदेव सिंह संधू ने सुझाव दिया कि दूध उत्पादन और इसके बिक्री के लिए प्रजनन इकाइयां स्थापित की जानी चाहिए. भूपिंदर सिंह बराड़ ने दूध के साथ-साथ मांस के लिए बकरियों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर फार्म विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. श्री संदीप सिंह और श्री राजप्रीत सिंह ने विपणन के लिए किसान सामूहिक गठन का समर्थन किया. सनी कंग ने पूरे मूल्य श्रृंखला में बकरियों और संबंधित इनपुट के विपणन की वकालत की. काला गोसल ने सहकारी समितियों के माध्यम से अपने शेल्फ जीवन और बिक्री में सुधार के लिए दूध के मूल्य संवर्धन का सुझाव दिया. परमजीत कौर कट्टू ने राज्य भर में शहरी स्थलों पर खोया और पनीर के सक्रिय विपणन की सिफारिश की. कुलपति ने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विस्तार के माध्यम से किसानों का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.

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