नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाई गई पशुधन, पोल्ट्री और मछली फीड प्रोत्साहन रणनीतियों के कई फायदे हैं. इसका सीधा फायदा डेयरी, पोल्ट्री और मछली फार्मिंग करने वालों को मिलेगा. सरकार की सोच है कि संतुलित आहार को बढ़ावा दिया जाए. ताकि प्रोडक्शन बेहतर हो सके. वहीं सूचना, शिक्षा, संचार (आईईसी) गतिविधियों और ट्रेनिंगों के जरिये से जरूरी संतुलित पशु आहार को तैयार करने और उसके उपयोग को बढ़ावा देने पर पर काम होगा. भारत पशुधन एप्लीकेशन में अपने मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान (एआई) आधारित ब्यात को पंजीकृत करने वाले किसानों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें रियायती दरों पर खनिज मिश्रण वितरित करके खनिज मिश्रण के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.
डेयरी विकास विभाग के माध्यम से चिन्हित किये गये क्रियाशील डेयरी सहकारी समिति के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. इन्हें प्राथमिकता के आधार पर रियायती दरों पर सांद्र खली, मिश्रित फीड आदि आहारों के लिए वित्तीय मदद की भी सरकार की ओर से मिलेगी.
वित्तीय मदद के जरिए रिसर्च को दिया जाएगा बढ़ावा
इस सरकारी योजना के तहत व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), ज्याइन्ट लायबिलटी ग्रुप्स (जेएलजी), फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाईजेशन्स (एफपीओ), डेयरी सहकारी समितियां और कंपनियों को आसर, खनिज मिश्रण और अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिए उपकरण, परिचालन पूंजी आदि जैसे इनपुट पर पूंजी सब्सिडी या ब्याज अनुदान दिया जाएगा. इन्टरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसियों (आईडीए), यूनिवर्सिटीज, रिसर्च सेंटर्स, उद्योगों, गैर-सरकारी संगठनों और स्टार्टअप्स की मदद से चल रही रिसर्च गतिविधियों को रिसर्च के लिए अनुदान के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा. जिसमें प्रमुख रूप से वैकल्पिक आहार निर्माण, सन्तुलित पोषण, किफायती आहार आदि पर ध्यान दिया जाएगा.
डेटा संग्रहण और प्रबंधन
वहीं सरकार की योजना के तहत डेटा स्टोरेज सिस्टम विकास होगा. जिला स्तर पर मिश्रित आहार और खनिज मिश्रण उत्पादन, उत्पादन क्षमता एवं कुल वार्षिक उत्पादन के आंकड़े दर्ज करने की व्यवस्था का विकास किया जाएगा. कार्यक्रम क्रिन्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन तया सुधार के लिए काम होगा. कहा जा रहा है कि इन सब चीजों काी वजह से प्रोडक्शन बेहतर होगा और इसका फायदा किसानों को मिलेगा.
ये भी फायदा मिलेगा
इससे पशुओं का बेहतर पोषण मिलेगा. पशुधन, पोल्ट्री और मछली के उत्पादों में वृद्धि होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि किसानों की रोज की इनकम में ग्रोथ होगी. पशुओं की प्रजनन क्षमता में सुधार होगा. ब्यात के बीच की अवधि में कमी आएगी और पशु की उत्पादकता अवधि में इजाफा होगा. जबकि पशुओं के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार भी होगा. पशुधन, पोल्ट्री और मत्स्य में विकास दर में ग्रोथ और शीघ्र परिपक्वता आएगी. राज्य में खनिज मिश्रण और राशन उत्पादन में सुधार होगा.
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