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UP Government: नंद बाबा ​स्कीम के तहत कौन कर सकता है आवेदन, क्या है इसका तरीका, पढ़ें यहां

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गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से देशी नस्ल के पशुओं को पालने वाले पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहन के तौर पर सरकार 10 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक देती है, लेकिन सवाल इस योजना के तहत हर कोई आवेदन नहीं कर सकता है. आवेदन करने की कुछ शर्तें हैं. जैसे आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए. आवेदक की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए. ये योजना व्यक्तिगत लोगों के लिए है. इसलिए समूह, फर्म या फिर संगठन इस योजना का फायदा नहीं पा सकेंगे.

स्कीम के लिए आवेदन गाय की ब्यात (Calving) की तिथि से 45 दिन के अंदर की जा सकता है. उन्नत नस्ल और उच्च उत्पादकता की स्वदेशी गायों यथा-गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी और थारपारकर गाय के प्रगतिशील गौपालक एक बार अधिकतम दो गाय पशुपालक प्रोत्साहन राशि हेतु पात्र होंगे. किसी स्वदेशी नस्ल की गाय के लिए गाय के जीवन काल में केवल एक बार ही पशुपालक, प्रोत्साहन राशि हासिल कर सकते हैं.

आवेदन की क्या है प्रक्रिया
सभी आवेदन नन्द बाबा दुग्ध मिशन के पोर्टल पर तय प्रारूप पर ऑनलाइन किये जायेगें लेकिन पोर्टल ऑनलाइन होने तक पशुपालकों द्वारा आवेदन आफलाइन मोड में सम्बन्धित जिले के मुख्य विकास अधिकारी या फिर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में सीधे या फिर रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से तय ​डेट तक पहुंचाया जा सकता है. आवेदक द्वारा आवेदन पत्र के साथ सेल्फ सर्टिफाइड कर उपलब्ध कराये जाने वाले लेटर को देना होगा. पशुपालक के आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी लगेगी. वहीं गाय की पहचान के लिए माइक्रोचिप्स/ईयर टैगिंग सिस्टम अथवा पहचान की किसी भी मान्यता प्राप्त प्रणाली का प्रमाण-पत्र एवं पहचान संख्या होना जरूरी है. गाय के क्रियाशील बीमा का डिटेल, पशुपालक के बैंक पासबुक की फोटो, कैन्सिल चेक, गाय के साथ पशुपालक का पूर्ण फोटोग्राफ, पशुपालक का इस आशय का नोटरी शपथ-पत्र कि गाय को उसके जीवनकाल में एक बार भी प्रोत्साहन का फायदा नहीं हासिल हुआ है तथा गाय पहले, दूसरे और तीसरे ब्यात में है.

गाय की दूध देने की क्षमता का होगा सत्यापन
आवेदन मिलने के बाद सबसे पहले सम्बन्धित जिले के उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला समन्वयक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा आवेदन का स्थलीय सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद दुग्धशाला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला समन्वयक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा स्थलीय सत्यापन समिति के माध्यम से पशुपालक की स्वदेशी नस्ल की गाय की दुग्ध उत्पादकता का स्थलीय सत्यापन कराया जायेगा. स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा लगातार 2 दिन 4 दुहान (सुबह और शाम) के आधार पर गाय की रोजाना दूध उत्पादकता का निर्धारण किया जायेगा. 04 दुहान का मतलब यह है कि पहली दुहान के बाद गाय का थन (Udder) खाली हो जायेगा, इसके बाद दूसरी ओर तीसर दुहान होगी.

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