नई दिल्ली. पशुपालन में अगर पशुओं का डेटा एक जगह पर स्टोर किया जाए तो फिर इससे पशुपालन में फायदा उठाया जा सकता है. पशुपालन वैसे तो बहुत ही फायदेमंद व्यवसाय है लेकिन ये तभी फायदा पहुंचाता है जब इसे साइंटिफिक तरीकों से किया जाए. इससे ज्यादा प्रोडक्शन मिलता है और पशुओं की सेहत भी बेहतर होती है. इसलिए जरूरी है कि पशुओं का पालन एक्सपर्ट द्वारा बताए गए रास्तों से किया जाए. एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन में पशुओं का हर रिकॉर्ड दर्ज करना बेहद ही जरूरी है.
अगर पशुओं का डेटा किसी कंप्यूटर में कलेक्ट किया जाए तो ये छोटे पशुपालकों के लिए बेहद ही खर्चीला साबित होगा. हालांकि क्लाउड कंप्यूटिंग एक महत्वपूर्ण तकनीक है. जिसकी मदद से रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी. इस तकनीक के आधार पर डेयरी फार्मिंग सहित लगभग सभी क्षेत्रों में कई सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं. क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक छोटे किसानों के लिए एक वरदान है, जो निजी कंप्यूटर रखने का खर्च नहीं उठा सकता है.
सॉफ्टवेयरों की क्या है खासियत
पशुओं की पहचान के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) इंटरफेस.
पशुओं की विभिन्न श्रेणियों के आजीवन पशु रिकॉर्ड, मास्टर एंट्रीज, उत्पादन, जिंदगीभर के हेल्थ रिकॉर्ड, निकाले गए, बेचे गए या मरे हुए पशु आदि.
सुचारू फार्म/सर्विस मैनेजमेंट के लिए रोजमर्रा कार्य सूचियां तैयार करता है.
पशुओं की डाइट का विश्लेषण, झुंड प्रदर्शन विश्लेषण. एआई-ब्रीडिंग (प्रजनन) सेवाएं.
दूध उत्पादन रिकॉडिंग और विश्लेषण, टीकाकरण (रोग निदान) उपचार (बीमारी) पर डेटा की रिकॉर्डिंग और विश्लेषण आदि.
टेली-पशु चिकित्सा सेवाएं. एसएमएस/अधिसूचना सेवाएं. डैशबोर्ड सर्विस ट्रैकिंग (स्टॉफ फील्ड ट्रैकिंग) शारीरिक स्थिति स्कोरिंग.
सेवा शुल्क की ऑनलाइन कटौती, डेटा रिकॉर्डिंग, विश्लेषण और सलाह के लिए मोबाइल एप्लीकेशन इंटरफेस.
एनडीडीबी ने बनाया है नेटवर्क
आपको ये भी बताते चलें कि रष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य (आईएनएपीएच) के लिए एक सूचना नेटवर्क विकसित किया है, जो किसानों को डोर टू डोर प्रजनन, आहार और हेल्थ सविर्सेज पर विश्वसनीय डेटा की रिकॉर्डिंग की सुविधा मुहैया करता है. इसी तरह कुछ दूध संघ अपने उत्पादक सदस्यों के पशुओं के रिकॉर्ड बनाए रखते हैं और किसानों को प्रजनन और स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी और सेवाएं प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए दूध उत्पादक सदस्यों को गर्भावस्था परीक्षण की तारीख, टीकाकरण कार्यक्रम, स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी के बारे में सूचित किया जाना आदि. एक्सपर्ट के अनुसार हर किसान को एक उपयुक्त विधि चुनकर अपने पशुओं के विश्वसनीय रिकॉर्ड को बनाए रखना चाहिए, जो उसे प्रदर्शन में सुधार करने में मदद करेगा.
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