Home पशुपालन Artificial Insemination: कृत्रिम गर्भाधान का सही तरीका क्या है, प्रक्रिया में क्या-क्या किया जाता है पढ़ें यहां
पशुपालन

Artificial Insemination: कृत्रिम गर्भाधान का सही तरीका क्या है, प्रक्रिया में क्या-क्या किया जाता है पढ़ें यहां

livestock animal news
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन में कृत्रिम गर्भाधान का तरीका बहुत यूजफुल बन चुका है. इसका इस्तेमाल अब बड़े पैमाने पर हो रहा है. हालांकि कृत्रिम गर्भाधान हमेशा ही एक्सपर्ट व्यक्ति से कराना चाहिए. ताकि का रिजल्ट बेहतर आए और पशु को भी कोई दिक्कत न हो. बहुत से पशुपालकों के जेहन में हो सकता है कि ये सवाल हो कि कृत्रिम गर्भाधान का पूरा प्रोसेस क्या है. कृत्रिम गर्भाधान की विधि की बात की जाए इस तकनीक में सबसे पहले बेहतरीन नस्ल के उच्च कोटि के सांडों का सीमेन इकट्ठा करते हैं. फिर सीमेन का मूल्यांकन करके उसका तनुकरण Dilution किया जाता है, बाद में उसका फ्रोजेन करके सीमेन को तरल नाइट्रोजन कंटेनर (Liquid nitrogen container/Cryocan) के अन्दर 196 डिग्री सेल्सियस तापमान में रख दिया जाता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि तरल नाइट्रोजन कंटेनर के अन्दर केनिस्टर होते हैं. जिनमें फ्रोजेन सीमेन के स्ट्रॉ रखे जाते हैं. तरल नाइट्रोजन कंटेनर के अंदर स्पर्म चयापचय निष्क्रिय Metabolic Passive स्थिति में रहते हैं तथा इस स्थिति में इन्हें वर्षों तक स्टोरेज करके रखा जा सकता है. कृत्रिम गर्भाधान करने के वक्त एक बीकर में लगभग 35-37 डिग्री सेल्सियस तापमान का पानी लेते हैं तथा उसे तरल नाइट्रोजन कंटेनर के पास रख लेते हैं. फिर कंटेनर का ढक्कन खोलते हैं, कैनिस्टर को उठाते हैं, एक फोरसेप के सहारे एक स्ट्रॉ निकाल लेते हैं और स्ट्रॉ को तुरंत 35-37 डिग्री तापमान के पानी से भरे बीकर या थॉइंग यूनिट में 30 सेकंड के लिए छोड़ देते हैं. इस प्रक्रिया को थॉइंग (पिघलाने की प्रक्रिया) कहते हैं.

इस तरह किया जाता है कृत्रिम गर्भाधान
थॉइंग करने के बाद स्ट्रॉ को सुखा लेते हैं और उसे कृत्रिम गर्भाधान गन के अन्दर डालते हैं इसके बाद स्ट्रॉ के एक सिरे को काट देते है. एक प्लास्टिक शीथ गर्भाधान गन के ऊपर चढ़ा देते है तथा छल्ले के सहारे मजबूती से स्थिर कर देते है. अब कृत्रिम गर्भाधान गन गर्भाधान के लिए तैयार है. कृत्रिम गर्भाधान करने की सबसे प्रचलित विधि मलाशय योनि (Recto vaginal method) विधि है. आजकल हर जगह फ्रोजन सीमेन के सहारे ही कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है. इस विधि में प्रयोग किये जाने वाले यंत्र को कृत्रिम गर्भाधान गन कहते हैं.

इस तरह अंदर डालते हैं स्पर्म
पशु को अगाड़े में बांध कर नियंत्रित करते हैं तथा उसके बाहरी जननांग को एक डिसइंफेक्टेड संक्रमित रुई से साफ करते हैं. एक हाथ में दास्ताने पहनकर उसे चिकना करते है तथा सावधानी के साथ हाथ मलाशय के अन्दर डालते है और ग्रीवा को पकड़ते हैं. पशु के भगोस्ट को फैला कर दुसरे हाथ से योनि के रास्ते कृत्रिम गर्भाधान गन 45 डिग्री कोण पर अन्दर डालते हैं. फिर धीरे धीरे गर्भाधान गन को ग्रीवा (cervix) के अन्दर ले जाते हैं और ग्रीवा को पार करके गर्भाशय शरीर में जाकर वीर्य को छोड़ देते है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

कंकरेज नस्ल के मवेशी तथा जाफराबादी, नीली रावी, पंढरपुरी और बन्नी नस्ल की भैंसों को शामिल किया गया है. इसमें रोग मुक्त हाई जेनेटिक वाले सांडों को पंजाब सहित देश भर के वीर्य केंद्रों को उपलब्ध कराया जाता है.
पशुपालन

Animal husbandry: AI और सेक्स सॉर्टेड सीमन समेत इन 8 कामों से आसान हो गया पशुपालन, बढ़ा दूध

किसानों के दरवाजे पर अच्छी कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं देने के लिए ट्रेनिंग...

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal News: आपके पशुओं को इस खतरनाक बीमारी का खतरा, जानें बचाव का क्या है तरीका

इसलिए बेहतर है कि इसकी रोकथाम के तरीके के बारे में भी...