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Animal Husbandry: पशुपालन के दौरान भूकंप-बाढ़ आने और आग लगने जैसी इमरजेंसी के लिए करें ये उपाय

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन करना बेहद ही जरूरी है. क्योंकि पशुओं से हमे दूध और उससे बने प्रोडक्ट मिलते हैं. वहीं पशुओं का गोबर तक कीमती होता है. कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि पशुपालन करना मुश्किल हो जाता है. मसलन इमरजेंसी में हालात में. जब कभी बाढ़, भूकंप, तूफान, चक्रवात आदि आ जाता है तो पशुपालन में मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कुछ उपाय करना बेहद ही जरूरी होता है. वहीं आग जैसी घटनाओं में भी पशुओं पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. एक्सपर्ट का कहना है कि आपातकालीन स्थितियों के लिए पहले से योजना बनाना बेहद ही जरूरी है.

एक्सपर्ट की मानें तो इमरजेंसी के लिए पहले से अगर प्लानिंग की जाए तो फिर किसी भी स्थिति से निपटा जा सकता है. बस जरूर इस बात की है कि उसकी प्लानिंग ठीक ढंग से की जाए.

इमरजेंसी की तैयारी कैसे करें
गौशाला के सभी पशुओं की एक सूची तैयार करें. इससे आपको पता चलेगा कि कितने पशु हैं.

सभी पशुओं की एक स्थायी पहचान टैग, टैटू शरीर पर लगाना चाहिए.

वैकल्पिक पानी या ऊर्जा सोर्स की पहचान करना बेहद ही जरूरी है.

हैंडलिंग उपकरण जैसे हॉल्टर, नोज लीड्स आदि.

पानी, आहार और बाल्टियां.

दवाइयां उपकरण और स्वच्छता हेतु आवश्यक चीजें.

सेलफोन, फ्लैशलाइट, पोर्टेबल रेडियो और बैटरीज.

मूल प्राथमिक उपचार किट.

पॉवर जेनरेटर.

निकलने के लिए व्यवस्था करना भी जरूरी है.

निकासी स्थलों की जानकारी तथा पूर्व व्यवस्थाएं.

इन जगहों के रूट (मार्ग) का पता लगाना.

पशुओं को चढ़ने व परिवहन का प्रशिक्षण देना.

ये काम भी जरूर करें
उपकरणों का संचालन करने की योजना बनाना तथा निकासी स्थल पर पशु चिकित्सा देखरेख करना.

निकासी स्थल पर आहार और जल आपूर्ति की व्यवस्था करना सुरक्षित स्थानों में बचाव मार्ग की संस्थापना जैसे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर.

गायों को खुली जगह पर रखना चाहिए और उन्हें बांधना नहीं चाहिए. खुला पशु आपातकालीन दशाओं जैसे आग या अचानक बाढ़ या भूकंप आदि आने की दशा में अपने बचाव के लिए भाग सकता है जबकि बंधी हुई गांयों को अधिक खतरा होता है.

असुरक्षित जगहों पर गौशाला की स्थापना नहीं करें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों या खराब जल निकासी तथा निचले इलाकों में पशुओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना.

गौशाला तथा अन्य संरचनाओं की स्थिरता और सुरक्षा का आकलन करें.

खेतों या पशुओं के रहने की जगहों से सूखे पेड़ों या अन्य प्रकार के मलबे को हटाएं.

खुले उपकरणों और सामग्री जैसे आहार के पात्र आदि को बांध कर रखें.

इस बात ख्याल रखें कि बिजली के तार आदि सुरक्षित हैं तथा जलने वाले पदार्थों दूर रखें.

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