नई दिल्ली. पशुपालन में कई ऐसी बातों का ख्याल रखना पड़ता है, जिससे पशु पूरी तरह से फिट रहे और समय पर गर्भ भी ठहरता रहे. पशुपालन में कई बार जानकारी न होने की वजह से डेयरी पशुओं की देखरेख में कुछ न कुछ कमी रह जाती है. इसके चलते पशु को कई बार गर्भ नहीं ठहरता है तो कई बार इससे जुड़ी कई समस्याएं भी हो जाती हैं. वहीं संतुलित आहार आदि भी न देने ये दिक्कतें हो सकती हैं. अगर गर्भ से जुड़ी दिक्कत न भी हो तो उत्पादन पर असर पड़ जाता है. इसलिए पशुओं की देखरेख में कोई कमी नहीं की जानी चाहिए. अगर जानकारी न हो तो एक्सपर्ट पूछ लेना चाहिए.
इस आर्टिकल में पशुओं के गर्भ धारण करने से जुड़ी बड़ी ही अहम जानकारी आपको दी जा रही है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि इन बातों पर तो ध्यान देना बेहद ही अहम है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि पशुपालक भाई इन कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो निश्चित रूप से गर्भधारण कोई भी समस्या नहीं होगी. इससे पशुपालन में उन्हें फायदा भी होगा.
पशुओं को संतुलित आहार खिलाएं
पशुओं को संतुलि आहार खिलाना जरूरी होता है. अक्सर प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन्स की कमी के कारण भी दुधारू पशुओं में गर्भ नहीं ठहरता है. इसलिए उचित मात्रा में इन सभी तत्वों का पशु आहार में होना बहुत जरूरी है. अगर दुधारू पशुओं के दाने में 50 ग्राम खनिज लवण (मिनरल मिक्सचर) रोजाना दिया जाये तो इस कमी को दूर किया जा सकता है. हर एक खनिज लवण तथा विटामिन की कमी के कुछ लक्षण होते हैं और इस संबन्ध में पशुचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
देखभाल करना भी होता है जरूरी
गाभिन पशु की उचित देखभाल न करना भी पशु में गर्भ न ठहरने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है. कभी-कभी पशुओं के अंडाशय में कमी अथवा हारमोन्स की कमी के कारण भी गर्भ नहीं ठहर पाता है, ऐसे कारणों का संदेह होने पर पशु चिकित्सक की सलाह लेकर जांच व इलाज करा लेना चाहिए.
कब कराना चाहिए गाभिन
जब गाय/भैंस में गर्मी के लक्षण समय से नहीं देखें जाते हैं तब भी उनका गाभिन करवाना उचित समय पर सम्भव नहीं हो पाता है. इसलिए अगर गाय और भैंस सुबह गर्मी में दिखाई दे तो उसी दिन शाम को और यदि पशु में शाम को गर्मी के लक्षण देखें तो अगले दिन सुबह ही गाभिन करवायें. फिर भी यदि गर्भ ना ठहरे तब पशुचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
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