नई दिल्ली. आमतौर पर मुर्गी के अंडे का वजन 55 से 60 ग्राम का होता है. जबकि बाजार में भी इसी साइज का अंडा बेचा जाता है. हालांकि कई मौकों पर मुर्गी अंडा नहीं देती है और गैप हो जाता है. फिर मुर्गी हर रोज से बड़ा अंडा दे देती है. हालांकि ऐसा कभी-कभी ही होता है. इसके चलते ऐसे अंडे के अंदर पीली जर्दी भी दो हो जाती है. अंडे के अंदर जर्दी दोहरी होती है तो अक्सर आम लोगों के जेहन में ये सवाल होता है कि ऐसा क्यों हुआ. आइए इस सवाल का जवाब आपको देते हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गी बहुत ही सेंसेटिव बर्ड मानी जाती है. अगर पोल्ट्री फार्म हाउस में इसके व्यवहार के खिलाफ कुछ हो जाता है तो इसका असर अंडा प्रोडक्शन पर पड़ने लग जाता है. मान लीजिए कि पोल्ट्री फार्म में कोई बड़ा जानवर घुस जाए या फिर पोल्ट्री में काम करने वाला कोई नया कर्मचारी आ जाए तो ऐसा हो जाता है. या फिर मुर्गियों को फीड देने में देर हो जाने पर भी यही होता है. फार्म हाउस की सुबह-शाम लाइट ऑन-ऑफ करने में देर हो गई तो भी मुर्गी का अंडा देने का रूटीन बिगड़ जाता है.
290 अंडे देती है मुर्गी
पोल्ट्री एक्संपर्ट कहते हैं कि अंडा देने वाली लेयर मुर्गी साल में औसतन 280 से 290 दिन अंडा दे देती है. जबकि 290 दिन में भी कई बार मुर्गी अंडा नहीं भी देती है. जब मुर्गी अंडा नहीं देती है तो वो नुकसान नहीं करती है. ऐसी कंडीशन में मुुर्गी अंडा उधार नहीं रखती है. दूसरे दिन बड़ा अंडा यानि एक अंडे में दो जरदी मिलाकर दे देती है. जबकि बड़े अंडे के अंदर सफेद वाला तरल पदार्थ भी सामान्य अंडों से बड़ा होता है. इस अंडे का वजन भी सामान्य़ अंडे के वजन 60 ग्राम से ज्यादा होता है.
मुर्गों के संपर्क में नहीं आती है मुर्गी
जिस तरह से एक गाय और भैंस भुस की सानी खाकर सुबह-शाम दूध देने का काम करती है. वैसे ही मुर्गी के साथ भी है. मुर्गियां दिन में तीन से चार बार फीड (दाना) खाकर सुबह के वक्ते अंडा देती हैं. जिसे बाजार में 6 से 7 रुपये में बेचा जाता है. यहां समझने वाली बात ये भी है कि अंडे देने के लिए मुर्गियों को मुर्गे के संपर्क में आना कतई जरूरत नहीं है. इसके लिए अगर कोई चीज जरूरी है तो वो है उनकी फीड होती है. फीड खाकर भी यह अपनी मर्जी से ही अंडा देती हैं.
Leave a comment