Home पोल्ट्री Poultry Farming: बर्ड को पानी में वैक्सीन की डोज देते वक्त इन बातों का जरूर रखें ख्याल, जानें यहां
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Poultry Farming: बर्ड को पानी में वैक्सीन की डोज देते वक्त इन बातों का जरूर रखें ख्याल, जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्म में बर्ड को बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन दिया जाता है. आमतौर पर बर्ड को वैक्सीन पानी में मिलाकर दी जाती है. ब्रॉयलर मुर्गों को सातवें, 14वें और 21वें दिन वैक्सीन दी जाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार दी जा रही वैक्सीन का फायदा कम नुकसान ज्यादा हो जाता है. पक्षियों में बीमारियां देखी जाती हैं. इसलिए वैक्सीन देने में कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी है, नहीं तो बर्ड में मृत्युदर भी दिखाई दे सकती है. जिसका सीधा सा मतलब है कि पोल्ट्री फार्मिंग के काम में बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

एक्सपर्ट कहते हैं कि वैक्सीनेशन के दौरान पीने के पानी में क्लोरीन होने से कई बार वैक्सीन में मौजूद लिविंग बींग्स मर जाते हैं और इससे आंतों का संक्रमण होता है. जबकि कई बार पोल्ट्री फार्मर्स इसे वैक्सीन की प्रतिक्रिया समझ लेते हैं. वहीं इससे पक्षियों में मृत्युदर दिखाई दे सकती है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग के दौरान बर्ड को वैक्सीनेशन देने के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

पीने के पानी में दी जाती है वैक्सीन
एक्सपर्ट का कहना है कि टीकाकरण का उद्देश्य पक्षियों को सुरक्षा प्रदान करना और पूरे झुंड में एक समान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करना है. अगर झुंड में कुछ पक्षियों को वैक्सीन नहीं मिल पाती है तो इंजेक्शन, विंग वेब या आई ड्रॉप की मदद से उन्हें वैक्सीन दी जाती है. हालांकि पीने के पानी के माध्यम से टीके लगाने का ज्यादा फायदा ये है कि यह अपेक्षाकृत सरल है, सभी बर्ड तक जल्दी पहुंच जाता है, और कोई भी पक्षी तनावग्रस्त नहीं होता है. हालाँकि, पीने के पानी के माध्यम से वैक्सीन देने से पहले कुछ महत्वपूर्ण चीजों का जानना भी जरूरी होता है.

48 घंटे पहले सफाई रोक दें
पीने के पानी के सैनिटाइजर को पीने के पानी से दूर रखना महत्वपूर्ण है. क्योंकि ये पदार्थ टीकों की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं. क्लोरीन और एसिड वैक्सीन में जीवित जीवों को मार सकते हैं या कमजोर कर सकते हैं, जिससे पक्षियों में उचित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने से रोका जा सकता है. टीकों और क्लोरीन के बीच प्रतिक्रिया को रोकने के लिए, टीकाकरण से 48 घंटे पहले पानी की सफाई बंद करने और टीकाकरण के बाद 24 घंटे तक पानी को सैनिटाइज़र-मुक्त रखने की सलाह दी जाती है. इसका मतलब है कि कुल मिलाकर पीने के पानी में क्लोरीन के बिना तीन दिन तक.

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