नई दिल्ली. क्या आप भी भेड़-बकरी पालते हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए है. एक्सपर्ट का ये कहना है कि अगर कुछ सावधानी बरती जाए तो जानवरों को बीमार होने से बचाया जा सकता है. बस जरूरत इस बात की है कि उन्हें समय-समय पर टीका लगवाया जाए. टीका लगाने के अलावा भी उनकी हैल्थ का ख्याल रखना होता है. कई ऐसी बीमारियां, जिनके लिए वैक्सीन लगवाना बेहद ही जरूरी होता है. अगर इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो फिर एनिमल हसबेंडरी में मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा. एक्सपर्ट के मुताबिक समय-समय पर वैक्सीनेशन कराना जरूरी होता है.
बकरी और भेड़ को टीकाकरण करके बीमारियों से बचाना चाहिए. हालांकि बकरी हो या फिर भेड़ पालक, उन्हें यह पता होना चाहिए कि कब-कब किस बीमारी को लेकर वैक्सीन लगाना चाहिए. ताकि भेड़ और बकरी को बीमारी से बचाया जा सके. आइए 6 बीमारियों के बारे में जानतें, जिसमें वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है.
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई के मुताबिक खुरपका और मुंहपका एफएमडी के लिए 3 माह की उम्र में वैक्सीन लगवानी चाहिए. शुरुआती टीकाकरण के तीन से चार सप्ताह के बाद और फिर 6 माह या साल भर पर टीका लगाया जा सकता है.
- बकरी प्लेग के लिए 3 माह की उम्र पर टीका लगवाना चाहिए. इसमें बूस्टर डोज की कोई जरूरत नहीं होती है. बाद में तीन वर्ष के बाद इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवा देना बेहतर होता है.
- बकरी चेचक, गोट बॉक्स के लिए 3 से 5 माह की उम्र में टीका लगवा देना चाहिए. शुरुआती वैक्सीनेशन के बाद तीन से चार सप्ताह का गैप करके फिर से वैक्सीन लगवाना चाहिए और उसके बाद हर साल इस बीमारी के लिए वैक्सीन लगवाते रहना चाहिए.
- भेड़ चेचक के लिए तीन 5 माह की उम्र पर वैक्सीन लगवाई जाती है. इसके बाद तीन से चार सप्ताह का गैप दें और फिर वैक्सीन लगवाएं. भेड़ को इस बीमारी से बचने के लिए हर साल टीका लगवाना चाहिए.
- एंटेरोटॉक्सेमिया के लिए तीन से पांच माह की उम्र पर टीका लगाया जाता है और फिर तीन से चार सप्ताह के गैप पर टीका लगता है. जिससे पशु बीमार होने से बच जाते हैं. वही साल भर के बाद फिर टीका लगवाना चाहिए और इसे हर साल दोहराना चाहिए.
- गलाघोंटू बीमारी के लिए तीन से चार माह की उम्र पर फिर तीन से चार सप्ताह के बाद और हर साल में एक बार टीका लगवाने से इस बीमारी से बकरी और भेड़ को बचाया जा सकता है.
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