नई दिल्ली. प्रतिबंध होने के बाद भी कछुओं की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है. आए दिन कहीं न कहीं से कछुआ तस्कारों को पकड़ा जा रहा है. बावजूद घटनाएं नहीं रुक रहीं. ऐसा ही एक मामला 29 अप्रैल 2024 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद तहसील में सामने आया. यहां पर सोमवार की सुबह स्टेशन रोड पर बाइक सवार बदमाशों का पीछा कर रही वन्य जीव संरक्षण टीम और वन विभाग की टीम ने एक कछुआ तस्कर को दबोच लिया. उसके पास से विभिन्न प्रजाति के 85 जीवित कछुआ बरामद किए गए. जबकि उसके दो साथी टीम को चकमा देकर भागने में सफल हो गए. वन विभाग की टीम ने आरोपी को जेल भेज दिया। बता दें कि कछुओं को तस्करी करके पश्चिमी बंगाल, मलेशिया, थाइलैंड, सिंगापुर सहित कई देशों में ले जाया जाता है. बताया जाता है कि एक कछुआ कम से 10-15 हजार रुपये में बिक जाता है.
29 अप्रैल-2024 यानी सोमवार की सुबह लखनऊ नंबर की गाड़ी में सवार वन जीव संरक्षण ब्यूरो और वन विभाग के अधिकारी एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों का फिल्मी अंदाज में पीछा कर रहे थे. बाइक सवार लगातार टीम को चकमा देने का प्रयास कर रहे थे. जब बाइक सवार युवकों ने खुद को घिरता हुआ देखा तो आदर्श कृष्ण डिग्री कॉलेज के पास मौका पाकर दो युवक तो बाइक से उतरकर भाग गए जबकि एक युवक टीम से बचने के लिए नहर में कूद गया. युवक नहर में कूदकर भागने की कोशिश कर रहा था तो टीम के जवान भी उसके पीछे नहर में कूद पड़े. टीम आरोपी को पकड़कर गाड़ी में डाल कर अपने साथ ले गई. पहले तो लोगों ने समझा कि गाड़ी सवार किसी को जबरन ले जा रहे हैं तो विरोध जताया लेकिन जब गाड़ी में सवार लोगों ने खुद को वन जीव संरक्षण की टीम ने परिचय दिया तो लोग पीछे हट गए.
आरोपी के पास से कछुआ बरामद
इस बारे में वन विभाग की क्षेत्राधिकारी उपासना सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी रूपेश पुत्र रामू निवासी गिहार कॉलोनी प्रतापपुर रोड के पास से विभिन्न प्रजाति के 85 जीवित कछुआ बरामद हुए हैं. पकड़े गए आरोपी कछुओं की तस्करी कर रहे थे, जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अवैध है. आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा है.
इन देशों में की जाती है कछुओं की तस्करी
कछुओं की तस्करी बहुत पहले की जा रही है. आए दिन पूरे देश से कछुआ तस्करों की खबरें आती हैं. कछुओं की डिमांड कई देशों में हैं. कछुओं को तस्करी करके पश्चिमी बंगाल, मलेशिया, थाइलैंड, सिंगापुर सहित कई देशों में ले जाया जाता है.
क्यों होती है कछुओं की तस्करी
कछुओं की तस्करी के मामले कम होने की अपेक्षा बढ़ने लगे हैं. सबसे ज्यादा उन कछुओं की कीमत होती हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो. कछुओं की तस्करी उसकी हड्डी और शक्तिवर्धक दवा के रूप में उसके मांस के लालच में की जाती है. बताया जाता है कि एक कछुआ कम से कम 10-15 हजार रुपये में बिक जाता है. जानकार बताते हैं कि एक समय में कछुओं का संरक्षण तालाबों में पानी स्वच्छ करने की उपयोगिता के कारण किया जाता था लेकिन अब कछुओं की तस्करी की जा रही है.
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