नई दिल्ली. गर्मी की शुरुआत होते ही जगह-जगह चारे की कमी हो जाती है. किसानों को बहुत ही मुश्किल से पशुओं के लिए चारा मिल पाता. ऐसे में पशुओं के लिए पौष्टिक और हरा चारा कहां से लाएं. इसे लेकर पशुपालक बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं. कभी-कभी तो बचा हुआ भोजन भी खिलाना पड़ता है. इसमें पशुपालक और मुर्गीपालक दोनों ही क्षेत्र में है. सबसे ज्यादा परेशानी लॉकडाउन में हुई थी, तो असम के कृषि विज्ञान केंद्र ने पशुओं और मुर्गियों को गेंदे का फूल खिलाने की सलाह दी थी. तब से लेकर आज तक बहुत से पशुपालक और किसान गेंदे का फूल खिलाते आ रहे हैं. अब लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि गेंदे का फूल कैसे खिलाया जा सकता तो इस बारे में हम आपको बताते हैं गेंदे का फूल कैसे पशु और मुर्गियों के लिए चारा बन सकता है. ऐसा हुआ है और हो भी रहा है.
गर्मी की शुरुआत होते ही जगह-जगह चारे की कमी हो जाती है. किसानों को बहुत ही मुश्किल से पशुओं के लिए चारा मिल पाता. ऐसे में पशुओं के लिए पौष्टिक और हरा चारा कहां से लाएं. इसे लेकर पशुपालक बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं. कभी-कभी तो बचा हुआ खाना पड़ता है. आप मोरिंगा की खेती को कर लें तो आपके सामने चारे का संकट भी दूर हो जाएगा और इसे बेचकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा पशुओं और मुर्गियों को गेंदे का फूल खिलाकर भी चारे की समस्या को कम काफी हद तक कम कर सकते हैं. गेंदे के फूल को चारे के रूप में उपयोग लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला.
लाकडाउन में अपनाया गया ये फार्मूला
लाकडाउन में फूलों की बिक्री न होने की वजह से कुछ लोगों ने गेंदा के फूलों की पंखुड़ियों को सुखाकर उनका चारे के रूप में इस्तेमाल किया. इन पंखुड़ियों को मुर्गियों को खिलाया गया. जब मुर्गियों ने अंडे दिए तो उनमें बड़ी मात्रा में कैरोटीन पाया गया, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी मदद करता है. जब ये चीज पशु वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और पशुपालकों के सामने आई तो उन्होंने इस गेंदा फूल को चारे और दाने के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया. लाकडाउन से लेकर आज तक गेंदा के फूल की पंखुड़ियों को सुखाकर पशुओं और मुर्गियों को खिलाया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर 100 किलो चारे में 2 से 3 किलो फूलों की पंखुड़ियां मिला दी जाएं तो इससे मुर्गियों से अच्छा अंडा उत्पादन मिल सकता है. अंडे में कैरोटीन की मात्रा भी बढ़ जाती है.
क्या होता है कैरोटीन
इन पंखुड़ियों को मुर्गियों को खिलाया गया. जब मुर्गियों ने अंडे दिए तो उनमें बड़ी मात्रा में कैरोटीन पाया गया. कैरोटीनॉयड में बीटा-कैरोटीन बड़ी मात्रा में पाया जाता है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है. बीटा-कैरोटीन गहरे लाल, नारंगी और पीले फलों और सब्जियों से मिलता है. हालांकि बीटा-कैरोटीन एक पोषक तत्व नहीं है, यह रेटिनॉल में परिवर्तित हो जाता है, जो हमारे शरीर में विटामिन ए की मात्रा की पूर्ति करता है. यह आंखों की कई बीमारियों लड़ने की क्षमता प्रदान करता है.
गेंदा के फूल के फायदे
गेंदा का फूल बहुत ही महत्वपूर्ण फूल है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मुर्गियों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं और किसी भी बीमारी से लड़ने में सहायता करते हैं. अगर हम ये कहें कि गेंदा फूल मुर्गियों के लिए बूस्टर के रूप में काम करता है तो ये गलत नहीं हो. अगर हम गेंदे को मुर्गियों के आहार में शामिल कर दें तो वे प्राकृतिक रूप से अंडे की जर्दी का रंग गहरा पीला और पोषण से भरपूर कर देंगे. जर्नल ऑफ पोल्ट्री साइंस की मानें तो ऐग पर गेंदे के फूल के अर्क के लाभों को देखने के लिए एक स्टडी की गई थी. इस स्टडी में पाया गया कि गेंदा का फूल न केवल अधिक समृद्ध जर्दी पैदा करता है, बल्कि वे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है. यानी अगर किसी मुर्गी को चारे में गेंदा का फूल खाने दिया जाए तो उसके अंडे इंसानों के लिए ज्यादा हेल्दी हो सकते हैं.
Leave a comment