नई दिल्ली. पशुपालन में चाहे आप भेड़ पालें या बकरी, या फिर गाय-भैंस इन सभी की देखभाल सही तरह से करना बेहद ही जरूरी होता है. तभी अच्छा प्रोडक्शन मिलता है. अब भेड़ की ही बात ले लीजिए तो सही समय पर छंटनी करना बहुत जरूरी होता है. भेड़ पालन को ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिये कम प्रोडक्शन और साइंटिफिक प्वाइंटव्यू से यूजलेस जानवरों को रेबड़ से हटा देना चाहिए. ताकि मवेशियों के प्रोडक्शन में कमी न आ सके. सबसे पहले ऐसे मेमने जो नस्ल के अनुरूप नहीं हैं, जिनकी शारीरिक वृद्धि सामान्य नहीं होती या फिर पैर से टेड़े नर भेड़ होते हैं उन्हें रेबड़ से अलग कर देना चाहिए.
जिन वयस्क भेड़ें तथा नर भेड़ें की ब्रीडिंग कैपसिटी कम होती है तो उन्हें रेबड़ में रखना आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला होगा. रेवड़ में कुछ जानवर ऐसे भी पाये जाते हैं जिन पर उपचार का प्रभाव बहुत ही कम पड़ता है. ऐसे जानवरों की छंटनी कर बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है. शीप एक्सपर्ट डा. गोपाल दास, डा. नितिका शर्मा एवं योगेन्द्र कुमार कुशवाहा ने कहा कि भेड़ों की औसत आयु 10 वर्ष है लेकिन इनमें 7 वर्ष पर इनके उत्पादन एवं ब्रीडिग क्वालिटी में गिरावट आ जाती है.
बीमार होने की बढ़ जाती है संभावना
इनके अधिक बीमार होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसी स्थिति में इसके साथ ही बुजुर्ग भेड़ों से प्राप्त मेमने भी कम शारीरिक भार व कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले पैदा होते हैं. जिनमें मृत्यु दर बढ़ जाती है. इसलिए नियमित रूप से समय-समय पर कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद ही जरूरी होता है. रेवड़ में मेढ़े का महत्वः रेवड़ में वयस्क भेड़ों से मेमनों के रूप में अगली फसल लेने के लिए उचित मेढ़ों का इस्तेमाल बहुत ही जरूरी है. एक मेढ़े द्वारा एक प्रजनक मौसम में 30-40 मेमने पैदा किये जा सकते हैं. जबकि एक भेड़ एक प्रजनक मौसम में प्रायः एक मेमने को जन्म देती है.
रेवड़ में उन्नत नस्ल का होना जरूरी
एक वर्ष में दो ब्रीडर मौसम आते हैं व दो वर्ष में एक भेड़ से अधिक से अधिक तीन बच्चे लिये जा सकते हैं. जबकि दो वर्ष में एक नर भेड़ चार प्रजनक मौसम 120-150 भेड़ों की सेवायें देता हुआ 100 से अधिक मेमनों को जन्म दे सकता है. एक भेड़ छह वर्ष की आयु तक 5-7 मेमने पैदा कर सकती है. जबकि एक नर भेड़ इसी आयु तक 150-200 मेमनों को जन्म दे सकता है. इसलिए रेवड़ में उन्नत नस्ल के मेमने पैदा करने के लिए नर भेड़ों का चयन अति महत्वपूर्ण कार्य है.
प्योर नस्ल का होना चाहिए ब्रीडर
भविष्य के रेवड़ की नींव मेढ़े पर ही टिकी होती है. एक नर भेड़ के चयन में एक भेड़ की तुलना से 30 गुना अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. नर भेड़ के चयन का कार्य जन्म से पहले शुरू कर देना चाहिए. जो भेड़ें शुद्ध नस्ल के सभी पहचान चिन्ह रखती हों उन्हीं से जन्मे नर मेमनों से ही भेड़ का चयन होना चाहिए.
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