नई दिल्ली. दुधारू पशुओं में ब्रीडिंग प्रोग्राम की कामयाबी के लिए पशु पालक को मादा पशु में पाए जाने वाले हीट साइकल का जानना बहुत जरूरी है. गाय या भैंस सामान्य तौर पर हर 18 से 21 दिन के बाद गर्मी में आती हैं. जब तक कि वह गर्भधारण न कर लें. वहीं बछिया में हीट साइकल 16 से 18 माह की उम्र पूरी होने और शरीर का वजन लगभग 250 किलो होने पर शुरु होता है. गाय व भैंसों में ब्याने के लगभग डेढ़ माह के बाद यह साइकल शुरू हो जाता है. हीट शरीर में कुछ खास हार्मोन्स के डिसचार्ज होने से होता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि गाय व भैंसों में हीट का वक्त लगभग 20 से 26 घंटे का होता है जिसे हम 3 हिस्सों में बांट सकते हैं. हीट की शुरुआती अवस्था, हीट की बीच की अवस्था और हीट की आखिरी अवस्था. हीट की विभिन्न अवस्थाओं का हम पशुओं में बाहर से कुछ विशेष लक्षणों को देख कर पता लगा सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
हीट की शुरुआती अवस्था क्या है
-पशु की भूख में कमी आना.
-दूध उत्पादन में कमी.
-पशु का रम्भाना (बोलना) व बेचैन रहना.
-योनि से पतले श्लैष्मिक पदार्थ का निकलना.
-दूसरे पशुओं से अलग रहना.
-पशु का पूंछ उठाना.
-वजाइन द्वार का सूजना तथा बार-बार पेशाब करना.
-शरीर के तापमान में मामूली सा इजाफा होना.
हीट का बीच का स्टेज
गर्मी की यह अवस्था बहुत जरूरी होती है. क्योंकि कृत्रिम गर्भाधान के लिए यही अवस्था सबसे सही मानी जाती है. इसकी अवधि लगभग 10 घंटे तक रहती है. इस अवस्था में पशु काफी एक्साइटेड दिखता है और वह अन्य पशुओं में रुचि दिखाता है. इसको पहचानने की बात की जाए तो वजाइना से निकलने वाले कुछ पदार्थ का गाढ़ा होना. जिससे वह बिना टूटे नीचे तक लटकता हुआ दिखायी देता है. पशु जोर-जोर से रम्भाने (बोलने) लगता है. वजाइना की सूजन तथा लटकने वाली झिल्ली की लाली में इजाफा हो जाता है. शरीर का ताप मान बढ़ जाता है. दूध में कमी तथा पीठ पर टेढ़ापन दिखायी देता है. पशु अपने ऊपर दूसरे पशुओं को चढ़ने देता है अथवा वह खुद दूसरे पशुओं पर चढ़ने लगता है.
आखिरी स्टेज क्या है
-पशु की भूख लगभग सामान्य हो जाती है.
-दूध की कमी भी समाप्त हो जाती है.
-पशु का रम्भाना कम हो जाता है.
-वजाइना की सूजन व श्लैष्मिक झिल्ली की लाली में कमी आ जाती है.
-श्लेष्मा का निकलना या तो बन्द या फिर बहुत कम हो जाता है तथा यह बहुत गाढ़ा व कुछ
अपारदर्शी होने लगता है.
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