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Vaccination: क्यों जरूरी है पशुओं का वैक्सीनेशन, क्या हैं इसके फायदे, नहीं लगवाने के नुकसान भी जानें

Sahiwal cow, Haryana Government started Animal Husbandry Haryana Livestock Insurance Scheme
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन हमारे देश में कृषि से जुड़ा हुआ व्यवसाय है. ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन बहुत से किसानों व बेरोजगारों की आजीविका का एक साधन बन चुका है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पशुपालन को साइंटिफिक तरीके से किया जाए तो इसमें होने वाली कमाई और ज्यादा बढ़ जाएगी. किसानों को चाहिए कि पशुपालन में हो रहे नए रिसर्च को जानें और ये भी जानने की कोशिश करें कि कैसे इसमें और ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है. बताते चलें कि पशुओं की देखभाल व खानपान का ठीक से ध्यान इस व्यवसाय को और ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए जरूरी है. वहीं पशुओं में समय-समय पर तमाम बीमारियां भी आती रहती हैं. जिनके कारण बहुत से पशुओं की मौत भी हो जाती है.

कुछ बीमारियों में दुधारू पशुओं की मौत तो नहीं होती लेकिन बीमारी के कारण उत्पादकता में कमी जरूर आ जाती है. जिससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान होता है और जिससे उनकी आजीविका गड़बड़ा जाती है. इसलिए पशुओं को तमाम तरह की बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी हो जाता है. कहावत भी है बीमारी से बचाव भला. जिसके लिए पशुओं को समय-समय पर पशुपालन विभाग द्वारा बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जाता है. पशुओं को बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण की जानकारी पशु पालकों को होनी आवश्यक है.

इन बीमारियों में लगवाएं वैक्सीन

  1. गलघोंटू (एच.एस.) इस बीमारी के बचाव के लिए वर्ष में दो बार पशुओं को वैक्सीन लगवाना जरूरी है. गलघोंटू का टीकाकरण जून व दिसम्बर के माह में विभाग द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त किया जाता है. यह टीका 5 मिली. चमड़ी के नीचे लगाया जाता है.
  2. खुरपका-मुंहपका (एफ.एम.डी.) इसका टीकाकारण मुंहपका व खुरपका रोग के बचाव के लिए भारत सरकार के मुहखुर कार्यक्रम के तहत विभाग द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त किया जाता है. यह वैक्सीन वर्ष में दो बार मई और नवंबर के माह में किया जाता है.
  3. लंगड़ा बुखार (बी.क्यू.) वर्ष में एक बार 5 मिली. चमड़ी के नीचे यह टीका लगाया जाता है. यह वैक्सीन छोटे बच्चों व जवान बछड़ों में बारिश से पहले लगाना जरूरी है. ये वैक्सीन हरियाणा में पशुपालन विभाग द्वारा मुफ्त लगाई जाती है.
  4. भेड़ों में चेचक रोग: इस रोग के बचाव के लिए 0.5 मिली. टीका पिछली टांग के अन्दर की तरफ चमड़ी के नीचे लगाया जाता है. जिन क्षेत्रों में यह बीमारी आती है वहाँ वर्ष में तीन बार यह टीका लगाना जरूरी है. यह टीका हरियाणा के पशुपालन विभाग द्वारा मुफ्त में लगाया जाता है.

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