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ऐसे करें किचन गार्डन, गर्मी में भी आसानी से उगाई जा सकती हैं घीया, तोरी, करेला, भिंडी और ग्वार

Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University, Kitchen Garden, Vegetable Cultivation
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा फार्मर फस्ट प्रोग्राम के तहत गांव पायल व चिड़ोद में ‘फल-फूल एवं सब्जी उत्पादन’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें किसानों ने बढ़-चढक़र भाग लिया.फार्मर फस्र्ट प्रोग्राम के प्रमुख अन्वेषक डॉक्टर अशोक गोदारा ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को पोषण एवं गुणवत्ता युक्त खानपान बढ़ाने के लिए न्यूट्री गार्डन विकसित कर स्वास्थ्य लाभ लेने के बारे में जागरूक किया.

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया कि किसान परिवारों के घर-आंगन में, आंगनवाड़ी केंद्र व स्कूलों में न्यूट्री गार्डन स्थापित करने से जहां एक तरफ फल व सब्जियों की जरूरतें पूरी की जा सकती है. वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता के फल व सब्जियां स्वास्थ्य लाभ के लिए भी जरूरी हैं. उन्होंने बताया कि एक अच्छी व पोषण से भरपूर डाइट लेना हर व्यक्ति का अधिकार है. इस मुहिम से आमजन को जोडऩे के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं, ताकि कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकें.

सर्दी-गर्मी से बचाने के लिए पराली से ढकें
बागवानी विभाग के वैज्ञानिक डॉक्टर प्रिंस ने किसानों को अमरूद, किन्नू, नींबू व आडू के फलदार पौधे लगाने व उनके पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नए कलमी पौधों की देखभाल अच्छी तरह से करें जैसे कि उनको सर्दी-गर्मी से बचाने के लिए पराली से ढकना चाहिए व हल्की सिंचाई करते रहें. यह भी ध्यान रखें कि कलमी पौधों में कलम की गई टहनी से नीचे कोई भी बढ़वार आती है तो उसे साथ-साथ काटते रहे. साथ ही उन्होंने किचन गार्डन में गर्मी के मौसम में आसानी से उगाए जाने वाली सब्जियां जैसे घीया, तोरी, करेला, भिंडी, ग्वार व लोबिया आदि के बारे में बताया.

फलदार पौधों के लाइनों के बीच में बची उगाएं हल्दी, प्याज, लहसुन
चारा अनुभाग के सस्य वैज्ञानिक डॉक्टर सतपाल ने किसानों को अमरूद व अन्य फलदार पौधों के लाइनों के बीच में बची हुई जगह में चारा फसल उगाने व अन्य छाया सहनशील सब्जियां जैसे हल्दी, प्याज, लहसुन आदि उगाने की संभावनाओं के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने चारे की फसल बरसीम के बीज उत्पादन लेने के लिए इसकी आखिरी कटाई मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक करने व बाद में बीज के लिए फसल को छोड़ने, कटाई के बाद व बीज बनते समय फसल में सिंचाई करने के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर किसानों को फलदार पौधे, जिनमें अमरूद, नींबू, किन्नू व आडू के पौधों को निशुल्क वितरित किए गए. साथ ही गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों के बीजों की किट भी बांटी गई. इसके अलावा फल-सब्जी उगाने व प्रसंस्करण करने की तकनीकी पुस्तिकाएं किसानों को दी गई.

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