देश के लिए ये बहुत ही सुखद आंकड़े हैं. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि साल 2022-23 के दौरान सबसे ज्यादा दूध उत्पादक प्रदेश यूपी था. उत्तर प्रदेश की कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 प्रतिशत थी, जो बहुत ही शानदार रही.
नई दिल्ली. रविवार यानी नवंबर 2023 को देश के केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पाल नवन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने गुहावटी में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस कार्यक्रम के दौरान पशुपालन से जुड़े वर्ष 2023 के आंकड़े पेश किए. उन्होंने पशु एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (मार्च 2022-फरवरी 2023) पर आधारित बुनियादी पशुपालन आंकड़े 2023 (दूध, अंडा, मांस और ऊन उत्पादन 2022-23) जारी किए. वित्तीय वर्ष 2022—23 के दौरान भारत में दुग्ध उत्पादन 230.58 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले पांच वर्षों की बात करें तो ये 2.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. देश के लिए ये बहुत ही सुखद आंकड़े हैं. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि साल 2022-23 के दौरान सबसे ज्यादा दूध उत्पादक प्रदेश यूपी था. उत्तर प्रदेश की कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 प्रतिशत थी, जो बहुत ही शानदार रही.
सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन यूपी में
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पाल नवन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल दुग्ध उत्पादन 230.58 मिलियन टन अनुमानित है, जिसमें पिछले 5 वर्षों में 22.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो वर्ष 2018-19 में 187.75 मिलियन टन थी. इसके अलावा, वर्ष 2021-22 के अनुमान से वर्ष 2022-23 के दौरान उत्पादन 3.83 प्रतिशत बढ़ गया है. पूर्व में यानी वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर 6.47 फीसदी, वर्ष 2019-20 में 5.69 फीसदी, वर्ष 2020-21 में 5.81 फीसदी और वर्ष 2021-22 में 5.77 प्रतिशत थी. वर्ष 2022-23 के दौरान सबसे अधिक दुग्ध उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश था, जिसकी कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 प्रतिशत थी. इसके बाद राजस्थान (14.44 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.73 प्रतिशत), गुजरात (7.49 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (6.70 प्रतिशत) का स्थान था. वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) के संदर्भ में, पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर कर्नाटक (8.76 प्रतिशत) में दर्ज किया गया, इसके बाद पश्चिम बंगाल (8.65 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (6.99 प्रतिशत) का स्थान रहा.
अंडा उत्पादन में भी हुई बढ़ोत्तरी
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पाल नवन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कार्यक्रम के दौरान दुग्ध के अलावा अंडा उत्पादन पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत में अंडा उत्पादन 138.38 अरब होने का अनुमान है. जबकि साल 2022-23 के दौरान पिछले 5 वर्षों में 33.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. कैबिनेट मिनिस्टर रूपाला ने बताया कि अंडा उत्पादन में आंध्र प्रदेश का बहुत ही शानदार योगदान है, जिसकी देश के अंडा उत्पादन में कुल 20.13 फीसदी हिस्सेदारी है.
मांस उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पाल नवन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में मांस उत्पादन 9.77 मिलियन टन होने का अनुमान है. इसमें वर्ष 2018-19 में 8.11 मिलियन टन के अनुमान की तुलना में पिछले 5 वर्षों में 20.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 5.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इससे पहले वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर 5.99 फीसदी वर्ष 2019-20 में 5.98 प्रतिशत; वर्ष 2020-21 में 2.30 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 5.62 प्रतिशत थी.
मांस उत्पादन में भी यूपी पहले नंबर पर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुग्ध की तरह से मांस उत्पादन में प्रमुख योगदान 12.20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है जबकि पश्चिम बंगाल (11.93 प्रतिशत) दूसरे, महाराष्ट्र 11.50 प्रतिशत) तीसरे, आंध्र प्रदेश (11.20 प्रतिशत) चौथे और तेलंगाना (11.06 प्रतिशत) का पांचवां स्थान है. वार्षिक वृद्धि दर के संदर्भ में, उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) सिक्किम में (63.08 प्रतिशत) दर्ज की गई है, इसके बाद मेघालय (38.34 प्रतिशत) और गोवा (22.98 प्रतिशत) का स्थान है.
अंडा उत्पादन में आंध्र प्रदेश का अहम रोल
केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बताया कि देश में कुल अंडा उत्पादन 138.38 बिलियन होने का अनुमान है. वर्ष 2018-19 के दौरान 103.80 बिलियन अंडों के उत्पादन के अनुमान की तुलना में वर्ष 2022-23 के दौरान पिछले 5 वर्षों में 33.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा, वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 के दौरान उत्पादन में 6.77 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है. पूर्व में वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर 9.02 प्रतिशत. वर्ष 2019-20 में 10.19 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में 6.70 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 6.19 प्रतिशत थी.
उन्होंने बताया कि देश के कुल अंडा उत्पादन में प्रमुख योगदान आंध्र प्रदेश का रहा है, कुल अंडा उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी 20.13 प्रतिशत है. इसके बाद तमिलनाडु (15.58 प्रतिशत) दूसरे नंबर पर तो तेलंगाना (12.77 प्रतिशत) तीसरे पायदान पर है जबकि पश्चिम बंगाल (9.94 प्रतिशत) चौथे तो कर्नाटक (6.51 प्रतिशत) पांचवे स्थान पर है. वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) के संदर्भ में, सबसे अधिक वृद्धि दर पश्चिम बंगाल में (20.10 प्रतिशत) दर्ज की गई. इसके बाद सिक्किम (18.93 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (12.80 प्रतिशत) का स्थान रहा.
कैसे घट गया ऊन उत्पादन
केंद्रीय मंत्री रूपाला ने बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल ऊन उत्पादन 33.61 मिलियन किलोग्राम अनुमानित है, जिसमें वर्ष 2018-19 के दौरान 40.42 मिलियन किलोग्राम के अनुमान की तुलना में पिछले 5 वर्षों में 16.84 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि, वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 में उत्पादन 2.12 प्रतिशत बढ़ गया है. इससे पूर्व में वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर -2.51 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में -9.05 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में -0.46 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में -10.87 प्रतिशत थी.
ऊन उत्पादन में राजस्थान नंबर वन
उन्होंने बताया कि कुल ऊन उत्पादन में 47.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ राजस्थान का प्रमुख योगदान है जबकि जम्मू-कश्मीर (22.55 प्रतिशत) दूसरे, गुजरात (6.01 प्रतिशत) तीसरे, महाराष्ट्र (4.73 प्रतिशत) चौथे तो हिमाचल प्रदेश (4.27 प्रतिशत) पांचवे स्थान पर है. वार्षिक वृद्धि दर के संदर्भ में, सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर अरुणाचल प्रदेश (35.75 प्रतिशत) में दर्ज किया गया है, इसके बाद राजस्थान (6.06 प्रतिशत) और झारखंड (2.36 प्रतिशत) का स्थान है.
दुग्ध, अंडा, मांस एवं ऊन उत्पादन का संक्षिप्त विवरण
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पाल नवन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने बताया कि देश में दुग्ध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान वार्षिक एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (आईएसएस) के परिणामों के आधार पर लगाया जाता है, जो देश भर में तीन मौसमों यानी गर्मी (मार्च-जून), बरसात (जुलाई-अक्तूबर) और सर्दी (नवंबर-फरवरी) में आयोजित किया जाता है. वर्ष 2022-23 के लिए दूध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान सामने लाया गया है और इस सर्वेक्षण के परिणामों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है.
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