नई दिल्ली.गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित 21 दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर वन हेल्थ में शुरू किया गया. इस पाठ्यक्रम का विषय पशु संक्रामक रोगों, एंटीबायोटिक प्रतिरोध और खाद्य सुरक्षा पर एक स्वास्थ्य अवधारणा है.
अनुसंधान निदेशक डॉक्टर जतिंदर पाल सिंह गिल ने डॉ. इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर, डॉ. सिन्दूरा गणपति, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, भारत सरकार, डॉ. संदीप पुरी, प्रिंसिपल, दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, एवं प्रतिभागियों और मेहमानों का स्वागत किया. साथ ही , अनुसंधान निदेशक ने मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य मुद्दों पर विश्वविद्यालय के इस केंद्र द्वारा किए गए योगदान पर चर्चा की.इस पाठ्यक्रम में भारत के विभिन्न हिस्सों से 25 वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं.
खुरपका-मुँहपका रोग पर जारी की पुस्तिका
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए डॉक्टर इंद्रजीत सिंह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों और एक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बात की.उन्होंने और प्रमुख हस्तियों ने व्याख्यानों का एक संग्रह, केंद्र पर एक पुस्तक और खुरपका-मुंहपका रोग पर एक पुस्तिका भी जारी की. डॉक्टर सिन्दूरा गणपति ने इस विषय को लेकर टीम भावना और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि संगठनों और वैज्ञानिकों को मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने इस क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों और विभिन्न एजेंसियों के योगदान पर भी चर्चा की.
वैज्ञानिकों के प्रयास आएंगे अच्छे परिणाम
डॉक्टर संदीप पुरी ने रेखांकित किया कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के वैज्ञानिकों और पेशेवरों द्वारा किए गए प्रयास अच्छे परिणाम लाएंगे. सेंटर फॉर वन हेल्थ के निदेशक डॉक्टर जसबीर सिंह बेदी ने सभी अतिथियों का और प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए इस पाठ्यक्रम के महत्व को साझा किया. उद्घाटन समारोह इस वादे और विश्वास के साथ संपन्न हुआ कि बेहतर समाज के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे.
Leave a comment