नई दिल्ली. प्रदेश में गो-संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए योगी सरकार ने हजारों हेक्टेयर गोचर जमीन पर से अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करा लिया है. सीएम आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राजस्व विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर अवैध कब्जाधारियों से कुल 27 हजार हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि पर से कब्जा हटावकर सरकार ने खुद के कब्जे में ले ली है. इस अभियान के तहत प्रदेश के 12 जिलों में 100 फीसदी गोचर भूमि अबतक कब्जामुक्त हो चुकी हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहीं अन्य जिलों में भी तेजी से अभियान को आगे बढ़ाने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिये गये हैं.
आपको बताते चलें कि चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. जबकि दिन ब दिन मवेशियों के चरने के लिए जमीन की कमी कम हो रही है. इसका असर मेविशयों के उत्पादन और पशुपालकों पर पड़ रहा है. सरकार की मंशा है कि चारे वाली जमीनों को कब्जा मुक्त करा दिया जाए ताकि मवेशी उसपर आसानी से चरें और पशुपालन करने वाले किसानों पर जानवरों के फीड के खर्चे को कम किया जा सके. एक आंकलन के मुताबिक पशुपालन में 70 फीसदी खर्च फीड पर ही आता है. यही वजह है कि सरकार की ओर से इस तरह के अभियान की शुरुआत की गई है.
सबसे ज्यादा कब्जा था अयोध्या में
बताते चलें कि सबसे अधिक कब्जा राम की जन्म नगरी अयोध्या में था. यहां से 2 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध कब्जाधारियों ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसे मुक्त कराया गया है. वहीं राजस्व विभाग की ओर से दी गई जानकारी को मानें तो अयोध्या के अलावा आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, बाराबंकी, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, श्रावस्ती, रामपुर, गाजीपुर और वाराणसी में 27 हजार 688 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है.
अन्य जिलों की लिस्ट बनाने के निर्देश
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांवों का डाटा तैयार किया जाए. जहां पर इस तरह की जमीन है और वहां किसी ने अवैध कब्जा कर रखा है. सीएम के निर्देश के बाद से राजस्व विभाग के अधिकारी इस काम में लग गए हैं. कहा जा रहा है कि बारिश के बाद गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद भूमि को पशुपालन विभाग द्वारा उपयोग में लिया जाएगा.
गो शेल्टरों के लिए योगी ने ये कहा
सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिया है कि कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जिन गायों को आश्रय नहीं मिला है तो उनका भी आंकलन करें. वहीं गो-शेल्टर्स स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण करें. गो आश्रय स्थलों की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो, कहीं पर भी कीचड़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो. सभी आश्रय स्थलों में भूसा, हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये. मृत गोवंश को ससम्मान एवं ठीक विधि से दफनाने की व्यवस्था हो.
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