नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मथुरा में चल रही गौशाला कि जब नींव रखी गई थी तब शायद पद़म श्री रमेश बाबा खुद नहीं जानते रहे होंगे कि उनके गौशाला की देशभर में इतनी ज्यादा धूम मच जाएगी. पांच गायों की सेवा करते हुए इस गौशाला की स्थापना की गई. अब यहां पर मौजूद गायों की सेवा करने के लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन, मशीन, वाहनों का बड़ा बेड़ा और कर्मचारियों की बड़ी तादाद है. जब किसी को इस गौशाला के बारे में पता चलता है तो एक बार की चौक जाता है. जबकि एक दिन में पूरी गौशाला को घूमा भी नहीं जा सकता है. बरसाना मथुरा की इस श्रीमाता गौशाला में चार वार्ड वाला एक अस्पताल भी है. जिसमें दो ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं.
इस गौशाला के बारे में आप इस तरह समझें की रात के कुछ घंटे को छोड़ दें तो गौशाला में 55 ट्रैक्टर और पांच जेसीबी लगातार चलती ही रहती है. कभी ट्रैक्टर से भूसा और हरा चारा एक शेड से दूसरे शेड में लाया जाता है तो कभी ट्रैक्टर से चारा मिक्चर मशीन को गायों के शेड तक पहुंचाता है. यहां मिक्चर से तैयार हुआ चार गायों के सामने डाला जाता है. पांच जेसीबी लगातार गौशाला के काम को निपटाती रहती हैं. कभी गायों के शेड से गोबर जमा करती है तो कभी भूसा ट्रैक्टर में लोड करने का काम जेसीबी से होता है. इसके अलावा सूखा दाना एक शेड से मिक्चर प्लांट तक भी लाने का काम जेसीबी के जिम्मे होता है.
गौशाला की सेवादार ब्रजेंद्र शर्मा का कहना है कि इस वक्त 300 से ज्यादा कर्मचारी यहां पर काम कर रहे हैं. कोई वाहनों को चल रहा है तो कोई गायों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करता है. जबकि बहुत से कर्मचारी शेड की सफाई भी करते रहते हैं. किसी की ड्यूटी कुछ गायों को दूध निकालने की होती है तो किसी का काम दूसरा है. कर्मचारी गौशाला में रहकर ही काम करते हैं. ब्रजेंद्र शर्मा का कहना है कि जिस तरह का अब गायों के साथ व्यवहार किया जा रहा है उसे देखते हुए गौशाला में बड़ा अस्पताल भी बना दिया गया है.
अस्पताल में गईनी सर्जिकल और मेडिसिन समेत बछड़ा वार्ड भी बनाया गया है. जहां ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर की भी स्थापना की गई है. सभी तरह की लाइव एक्स-रे अल्ट्रासाउंड सेंटर भी यहां पर स्थापित किए गए हैं. इसे चलाने के लिए टेक्नीशियन की एक लंबी चौड़ी टीम दिन-रात लगी रहती है. वार्ड के हिसाब से स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी मौजूद रहते हैं. पैरामेडिकल स्टाफ उन्हें सहयोग देता है और इनकी संख्या 30 बताई जाती है. इसके अलावा डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ समेत फील्ड यूनिट भी यहां पर मौजूद है. यह यूनिट स्पॉट पर जाकर गायों का इलाज करने का भी काम करती है. गौशाला में 6000 से ज्यादा गाय हैं. सभी को अस्पताल में लाना मुश्किल है.
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