नई दिल्ली. सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में प्रति व्यक्ति सालाना 95 अंडे को खाता है, जबकि पोल्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कुछ गलतफहमियां हैं, जिसे दूर कर दिया जाए तो वो दिन दूर नहीं जब प्रति व्यक्ति सालाना अंडो की कीमत खपत 180 हो जाएगी. एक्सपर्ट का कहना ळै कि वैसे भी देश में सरकारी के आंकड़ो के मुताबिक सालाना करीब 127 बिलियन अंडों का उत्पादन होता है. जबकि हर साल इस आंकड़े में छह से आठ फीसदी का इजाफा भी हो रहा है. ये गति को धीमा जरूर माना जा रहा है लेकिन खपत बढ़ने को अच्छा संकेत भी माना जा रहा है. बात की जाए सालाना प्रति व्यक्ति 180 अंडो की तो इससे देश की जीडीपी को भी पंख लग जाने के दावे पोल्ट्री एक्सपर्ट करते हैं.
गौरतलब है कि नेशनल एग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) का ‘संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे’ का नारा बहुत पुराना है. हालांकि उसका असर अब कम होता दिखाई दे रहा है, जबकि इसके उल्ट अंडे को लेकर जो अफवाहें हैं उसे असरअंदाज नहीं किया जा सकता है. कारोबारियों का कहना है कि अंडा वेज है या नॉनवेज इस सवाल ने इस कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. लोग इस झूठ को किस अंडा नॉनवेज है सच मानकर अंडा खाना कम कर देते हैं इससे नुकसान होता है. जबकि पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि डॉक्टर्स भी लोगों को प्रोटीन के लिए अंडा खाने की सलाह देते हैं. क्योंकि इतने कम पैसों में इतना प्रोटीन किसी और फूड आइटम में नहीं मिलता है. हालांकि अच्छी बात ये है कि कोरोना के बाद अंडे की बिक्री ने बढ़त दर्ज की है और साल 2021-22 में 750 करोड़ अंडों की सेल बढ़ी है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट बोले, इसलिए नॉनवेज नहीं है अंडा
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट रनपाल डाहंडा ने बताया कि अंडा नॉनवेज नहीं वेज फूड है ये साबित करने के लिए हम लोग हर तरह की जांच कराने के लिए तैयार हैं. आप किसी भी लैब में हमें बुलाएं हम आएंगे. क्योंकि ये साबित है कि अंडा नॉनवेज नहीं वेज फूड है. क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि जिस केज में मुर्गियों को रखा जाता है वहां मुर्गा नहीं होता है. जब मुर्गा मुर्गी के संपर्क में नहीं आता तो फिर ये कहना गलत है कि अंडो में चूजा होता है. कहा कि भैंस को भूसा और चारा खाती है इसके बाद दूध निकाला जाता है. ठीक उसी तरह मुर्गियों को फीड (दाना) दिया जाता है और वो अंडा देती हैं.
अंडा मंडी बरवाला, हरियाणा के कारोबारी लकी लाठर ने बताया कि अंडे से जुड़ी वेज और नॉनवेज वाली गलतफहमी को यदि दूर किया जाए तो इसकी खपत बढ़ सकती है. इसके लिए उन्होंने सरकार और मीडिया को आगे आने की अपील की. कहा कि कि अंडा वेज है सरकार इसे जानती है. इसलिए इसे मिड-डे मील में भी शुरू कर सकती है.
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