नई दिल्ली. कोविड-19 ने बहुत से ऐसे अनुभव कराए, जिन्होंने लोगों की जिंदगी और काम करने के तौर-तरीकों को बदलकर रख दिया0 बात चाहे कामकाज की हो या फिर हैल्थ से जुड़ी, कोरोना ने सभी जागरूक कर दिया. खासतौर पर बात हम अपने हैल्थ को लेकर. अब लोग अपनी इम्युनिटी को लेकर बहुत ही सजग हो गए हैं. लोगों ने अपनी डायट को पूरी तरह से बदलकर रख दिया. बात जब खानपान की हो तो इसमें सबसे ज्यादा अंडे को शामिल किया गया. कोरोना के बाद से लोगों के खाने की प्लेट में अंडा शामिल हो गया अब इसे हैल्थ की जरूरत समझें या फिर शौक. नवंबर में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने द्वारा मिल्क डे के मौके पर जारी किए गए आंकड़े तो कुछ इसी तरह की गवाही दे रहे हैं. कोरोना के बाद से बताया गया कि हर भारतीय की थाली में औसतन 15 अंडे सालाना बढ़ गए हैं, जो लोगों की हैल्थ के लिए ठीक है तो पोल्ट्री सेक्टर के बिजनेस के लिए बेहद सकारात्मक खबर है.
कोरोना काल के बाद से लोगों ने अपनी हैल्थ पर घ्यान देना शुरू कर दिया है.
लोग अपनी इम्युनिटी पावर को बूस्टअप करने के लिए डायट में अगल-अलग तरह की चीजों को इस्तेमाल कर रहे हैं, इसमें लोगों ने अंडे को भी शामिल कर लिया है.पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो हर एक भारतीय की थाली में औसत सालाना 15 अंडे (पोल्ट्री ऐग) बढ़ गए हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि सस्ता, प्योर और कम डाइट में ज्यादा प्रोटीन की वजह से अंडों की डिमांड बढ़ी है.
प्रति व्यक्ति को एक साल में कम से कम 180 अंडे खाने चाहिए
वहीं वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गाइडलाइन पर नजर डालें तो प्रति व्यक्ति को एक साल में कम से कम 180 अंडे खाने चाहिए. हालांकि डॉक्टर और डायटिशियन अंडे की इस खपत को जरूरी प्रोटीन के लिए आंकड़ा अभी बहुत कम मानते हैं. उनका कहना है कि अभी भी बहुत से लोग अंडा खाने से गुरेज करते हैं. डॉक्टर बढ़ती उम्र के बच्चों और गर्भवति महिलाओं के लिए तो अंडा का सेवन बहुत जरूरी है. कुछ दिनों पहले केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया कि पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े अंडे और चिकन का प्रोडक्शन बढ़ गया है. अंडों के साथ ही बीते एक साल में चिकन प्रोडक्शन में 1.80 लाख टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
10 साल में आपकी थाली में बढ़े 41 अंडे
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर की मानें उन्होंने कहा कि अगर 10-12 साल पहले की बात करें तो हर साल अंडे का प्रोडक्शन बढ़ने का रेट दो से तीन अंडे थे. लेकिन 2016-17 के बाद से अंडे के प्रोडक्शन ने बड़ी छलांग लगानी शुरू कर दी. अगर 10 साल पहले की बात करें तो औसत प्रति व्यक्ति के हिस्से में सालाना 60 अंडे आते थे. लेकिन 2022-23 में ये आंकड़ा 101 अंडों पर पहुंच गया है. हालांकि पोल्ट्री सेक्टर इस आंकड़े को 180 अंडों तक ले जाना चाहता हैं.
अंडे से ज्यादा प्रोटीन
भोपाल की डायटीशियन माहीन नईम कहती हैं कि अंडा खासतौर पर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लिए प्रोटीन का ये सबसे सस्ता साधन है. इतना ही नहीं कम पैसों में और आसान डाइट में अंडे से ज्यादा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है. इसलिए अंडे की डिमांड भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हर आदमी को अंडा अपनी डायट में शामिल करना चाहिए.
बढ़ रहा अंडों का प्रोडक्शन और खपत
भारत में अंडों की मांग और उत्पादन दोनों ही तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले तीन सालों की बात करें तो अंडों का उत्पादन 24 बिलियन बढ़ गया है. लगातार और भी मांग बढ़ रही है. मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो साल 2019-20 में 114.38 बिलियन अंडों का उत्पादन हुआ था. जबकि 2020-21 में 122 बिलियन, 2021-22 में 129.60 बिलियन और 2022-23 में 138.38 बिलियन अंडों का उत्पादन हुआ है.
प्रति व्यक्ति के हिस्से में आने वाले अंडों की संख्या
2022-23: 101
2021-22: 95
2020-21: 90
2019-20: 86
2018-19: 79
2017-18: 73
2015-16: 65
2013-14: 60
2010-11: 53
2007-08: 47
2004-05: 42
2000-01: 36
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