Home पोल्ट्री Bater Farming: बटेर पालकर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, यहां पढ़ें डिटेल
पोल्ट्री

Bater Farming: बटेर पालकर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, यहां पढ़ें डिटेल

japani bater palan
बटेर पक्षी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. कुक्कुट पालन की जब भी बात होती है तो हमारे जहन में नाम मुर्गी और बत्तख का ही आता है, लेकिन इनके अलावा अन्य पक्षियों का पालन भी किया जा सकता है, जिसमें जापनी बटेर एक मुख्य पक्षी है. इसका पालन कर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. दरअसल हमारे यहां जापानी बटेर का पालन किया जाता है और इसका पालन करने वाले लोग अच्छा खासा मुनाफा भी कमा लेते हैं. क्योंकि सर्दियों में खास तौर पर बटेर के मांस और अंडों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसे लोग मुंह मांगी कीमत पर खरीदते हैं. इस व्यवसाय की खासियत यह भी है कि यह बहुत ही आसानी से और कम खर्चे में किया जाने वाला व्यवसाय है.

बटेर के मांस की खूब है डिमांड
एक्सपर्ट कहते हैं कि कुक्कुट के अंडे और मांस प्रोटीन के लिए सबसे अच्छे स्रोत हैं. यह कुपोषण को भी दूर करने में मददगार साबित होते हैं. देखा जाता है कि ज्यादातर लोग मुर्गी और बत्तख के अंडे का सेवन करते हैं लेकिन बहुत से लोग बटेर के भी शौकीन हैं. इस वजह से बटेर की मांग तेजी के साथ बढ़ रही है. इसलिए इसका पालन भी किया जा रहा है. बटेर के बारे में बता दें कि यह मुख्य रूप से जमीन पर रहने वाली पक्षी है. हालांकि यह उड़ने में भी सक्षम होती है लेकिन इसकी उड़ान बहुत ज्यादा लंबी नहीं होती है. आमतौर पर यह जमीन पर ही पाई जाती है. लंबे समय से मांस के लिए इनका शिकार होता रहा है और इसके मांस के बारे में लोगों का मानना है कि ये बहुत गर्म होता है. सर्द मौसम में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है.

पौष्टिकता से भरपूर है
इसके शिकार की वजह से इसकी संख्या में भी काफी कमी आई है. ऐसा माना जाता है कि यह पौष्टिकता से भरपूर है. इसीलिए उनके पालन का भी चलन तेजी के साथ बढ़ा है. एक्सपर्ट कहते हैं की बटेर फार्मिंग विश्व के 56 देश में की जाती है. बटेर पालन में सबसे खास बात यह है कि इसे किसी भी मौसम में आसानी से पाला जा सकता है. यह आठ डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 45 डिग्री सेंटीग्रेड में बहुत ही आसानी के साथ रह सकती है. सबसे अच्छी बात इस पक्षी के साथ यह है कि इसमें जल्दी बीमारी नहीं लगती है. इनका न ही वैक्सीनेशन कराना पड़ता है ना इन्हें एंटीबायोटिक दवाई देनी पड़ती है.

इम्यूनिटी बहुत अच्छी है
एक्सपर्ट कहते हैं कि जापानी बटेर की अहमियत तब बहुत ज्यादा बढ़ गई जब नासा की एक अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनी थी. इसकी इम्यूनिटी बहुत अच्छी होती है और यह बहुत तेजी के साथ बढ़ती है. इसके मीट की क्वालिटी भी बहुत अच्छी मानी जाती है. इस पक्षी को नासा ने इसलिए चुना था कि क्योंकि 17 दिनों में इसका बच्चा बाहर आ जाता है. तमाम तरह की स्टडी पर बटेर खरी उतरी. भारत में बटेर पालन की बात की जाए तो 1974 में इसकी शुरुआत हुई थी. तब अमेरिका से बटेर को लाया गया था और बरेली के इज्जतनगर स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान केंद्र में रखी गई. उसके बाद यहां रिसर्च हुई और किसानों को इसके पालने के तरीके के बारे में बताया गया. बटेर पालन अब व्यवसाय का रूप ले चुका है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पोल्ट्री

Egg Production: क्या आप जानते हैं मुर्गी सुबह किस वक्त देती है अंडा, पहले करती है ये काम

मुर्गियों के अंडा देने को लेकर पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि...