नई दिल्ली. सर्द मौसम में जहां सभी पशुओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, तो वहीं पालतू कुत्तों को भी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. दरअसल, पर्यावरण का कम तापमान उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय लुधियाना के विशेषज्ञों ने कुत्तों को ज्यादा ठंड के दुष्प्रभाव से बचाने के मकसद के तहत निवारण रणनीतियां शेयर की हैं. सर्दियों में अपने कुत्तों को लंबे समय तक बाहर न छोड़ने के लिए कहा गया है. हमेशा सुबह या देर शाम के समय कुत्तों के साथ घूमने से बचने की कोशिश करने की बात भी कही है. वहीं उन्होंने अपने सुझाव में कहा है कि तापमान गंभीर सीमा से नीचे होता है तो कुत्ते अपने शरीर के तापमान को बनाए नहीं रख पाते हैं. इस वजह से हाइपोथर्मिया से पीड़ित हो जाते हैं. क्योंकि पिल्ले और बूढ़े कुत्ते के शरीर की तापमान को बनाएं रखने की क्षमता भी कम होती है.
ये करें और इससे बचे
एक्सपर्ट कहते हैं कि अमोनिया का स्तर और शीट ड्राफ्ट आद्रता 30 से 40 फ़ीसदी के बीच न्यूनतम करने के लिए वेंटिलेशन पर्याप्त होना चाहिए. जानवरों की उम्र, बालों का कोट और समग्र स्वास्थ्य स्थिति सभी कुत्तों की ठंड की मौसम की प्रति संवेदनशीलता को निर्धारित करते हैं. आपके कुत्ते को आपके घर में अच्छे कालीन या गर्म स्थान पर रखें. जलने से बचाने के लिए अपने पालतू जानवरों को गर्मी के स्रोतों के बहुत करीब ना रखें. सभी हीटरों और लैंपों को उनकी पहुंच से दूर रखें. अपने पालतू जानवरों को सुरक्षित करने के लिए कमरों में ढके हुए तापमान स्रोतों का उपयोग करें. शराब और चॉकलेट से बचें क्योंकि थोड़ी मात्रा में एक कुत्तों के लिए जहरीले होते हैं.
तो फेल हो सकती है किडनी
ठंड के दौरान कुत्तों के नियमित रूप से तैयार करें. ताकि उन्हें ठीक से गर्म रखा जा सके. दिन में काम से कम दो बार सवांरें और पखवाड़े से पहले नहलाने से बचाएं. पतले और कम बालों वाले कुत्तों में खुद को गर्म रखने की क्षमता कम होती है और वह तापमान को अच्छी तरह से सहन नहीं कर पाते. सर्दियों में कुत्ते की त्वचा तक की शेविंग करने से बचाना बेहतर है. कुत्तों को भरपूर मात्रा में ताजा गुनगुना पानी उपलब्ध कराना चाहिए. कुछ लोग सर्दियों के महीने के दौरान कुत्तों के किशमिश देना पसंद करते हैं. जिससे किडनी फेल हो सकती है. इसलिए किशमिश देने से पहरेज करना चाहिए. कुत्ते के व्यायाम के लिए नियम जरूर बनाएं. विशेषतौर उन्हें गर्म रखें. यदि कोई और संधिग्ध लक्षण दिखाई दे तो पशु चिकित्सा के पास ले जाएं.
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