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Fisheries: ब्ल्यू रिवोल्यूशन के तहत आज आंध्र प्रदेश को मिलेगा फिशिंग हार्बर, 1250 जहाज को मिलेगी जगह

‘Need national guideline on eco-labeling of marine fishery resources’
Symbolic photo. livestock animal news

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा. ब्ल्यू रिवोल्यूशन के तहत आंध्र प्रदेश को नया फिशिंग हार्बर मिलने जा रहा है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी 12 मार्च 2024 को वर्चुअल मोड के माध्यम से ब्लू रिवोल्यूशन योजना के तहत स्वीकृत हो चुके आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के जुव्वालाडिन में फिशिंग हार्बर का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे.

राष्ट्र में समुद्री क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्रदर्शित करने के लिए परियोजना को समर्पित करेंगे. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना के तहत 288.80 करोड़ रुपये की कुल लागत पर मार्च 2020 में जुव्वालाडिन में इस नए मछली पकड़ने के बंदरगाह के निर्माण के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नीली क्रांति पर योजना (सीएसएस): सागरमाला के तहत बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के साथ एक कन्वर्जन्स मोड में मत्स्य पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन भारत सरकार की सामूहिक पहल और राज्य सरकार के सहयोग से संयुक्त प्रयासों से यह परियोजना 4 वर्ष की निर्धारित समय-सीमा में पूरी की गई है.

41 हजार टन से ज्यादा मछली पकड़ी जाएगी
जुव्वालाडिन फिशिंग हार्बर को सालाना 41250 मीट्रिक टन मछली पकड़ने के लिए 1250 मछली पकड़ने वाले जहाजों के बेड़े को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह पहल लगभग 6100 स्थानीय मछुआरों को प्रत्यक्ष लाभ उत्पन्न करने में मदद करती है, बड़ी संख्या में स्थानीय मछुआरों और अन्य हितधारकों को अप्रत्यक्ष लाभ के अलावा, स्थानीय मछली पकड़ने वाले जहाजों और मछुआरों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, विविध लाभ भी पैदा करेगी, सहायक मत्स्य पालन के विकास को प्रोत्साहित करेगी. आधारित उद्योग, मत्स्य पालन व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएंगे और रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेंगे.

38 हजार करोड़ का निवेश
भारत सरकार ने विभिन्न सुधार किए हैं और 2015-16 से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत इस क्षेत्र में कुल 38,572 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है. पिछले 10 वर्षों के दौरान इस विभाग ने हजारो करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी भी दी है. विभिन्न योजनाओं के तहत 28922.35 करोड़ रुपये जिसमें शामिल हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 18333.72 करोड़ रुपये, मत्स्य पालन विकास अवसंरचना निधि (FIDF) के तहत 5588.63 करोड़ रुपये और एकीकृत विकास और प्रबंधन के लिए नीली क्रांति योजना (सीएसएस-बीआर) के तहत 5000 करोड़ रुपये देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए दिया है.

बुनियादी ढांचा बनाने पर जोर
भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का मत्स्य पालन विभाग बड़ी मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और मछली लैंडिंग केंद्रों के निर्माण पर प्रमुख जोर दे रहा हैत्र भारत सरकार ने विभिन्न तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 9162 करोड़ रुपये की 113 मछली पकड़ने के बंदरगाह और मछली लैंडिंग केंद्र परियोजनाओं के विकास को मंजूरी दे दी है. इसमें आंध्र प्रदेश राज्य के लिए 3009 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर 16 फिशिंग हार्बर/फिश लैंडिंग सेंटर परियोजनाएं शामिल हैं. इससे पूरे क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में कई गुना लाभ होगा.

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