नई दिल्ली. चूजे निकालने के लिये इस्तेमाल में लिये जाने वाले अंडो की अच्छी तरह जांच करके चयन करना चाहिये. अंडो से ज्यादा एवं हेल्दी चूजे हासिल करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना होता है. मसलन अंडो की साइज. अंडे साइज के होने चाहिये. ज्यादा छोटे और बहुत बड़े साइज के अंडो का चयन नहीं करना चाहिये. क्योंकि उनमें से अच्छे व हेल्दी चूजे निकालने की संभावना कम होती है. अंडों आकार अंडेनुमा होना चाहिए गोल, लम्बे या असामान्य आकार के अंडों का चयन नहीं करना चाहिये. अंडों की बाहरी खोल मोटी एवं अच्छी गुणवत्ता वाली होना चाहिये.
एक्सपर्ट के मुताबिक अंडो की खोल कमजोर, टूटी हुई या दरार युक्त नहीं होना चाहिये. ऐसे अंडो से चूजे निकालने की संभावना कम होती है. अंडो के खोल पर किसी तरह का धब्बा नहीं होना चाहिये. खोल की बाहरी सतह खुरदारा न होकर समतल व चिकना होना चाहिये. अंडो की अंदर की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए. सेने के लिये अंडो के चयन पहले अंडों की अंदर की गुणवत्ता का परीक्षण करना चाहिये. गांवों में जहां बिजली उपलब्ध है वहां केंडलिंग लैंप के जरिए अंडों को रोशनी के सामने रख कर अंदर की गुणवत्ता का परीक्षण किया जा सकता है.
अंडे ज्यादा पुराने न हों
अंडे की जर्दी बीच हिस्से में होनी चाहिये. दो जर्दी वाले अंडे, मांस या खून के धब्बे वाले अंडे का चयन कभी भी न करें. अंडो की उम्र की बात की जाए तो गर्मी में चूजे निकालने के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले अंडे 3-4 दिनों से पुराने नहीं होने चाहिये. सर्दियों में 7 दिन पुराने अंडे को सेने के लिये मुर्गियों के नीचे रख सकते हैं. सेने के लिये अंडे साफ होना चाहिये. गंदे अंडों इस्तेमाल सेने के लिये नहीं करना चाहिये. गन्दगी यदि कम है तो उसे कपड़े से साफ करने के बाद ही प्रयोग में लाना चाहिये. अंडे की गंदगी साफ करने के लिये कभी भी उसे पानी से रगड़कर साफ नहीं करें. क्योंकि ऐसा करने पर खोल के छेद खुल जाते हैं और चूजा उत्पादन दर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
हेल्दी होने चाहिए मुर्गे और मुर्गियां
अच्छी नस्ल के चूजे हासिल करने के लिये अच्छी नस्ल की मुर्गियों से प्राप्त अंडो का उपयोग चुजे निकालने के लिए किया जाना चाहिये. ताकि मुर्गी फार्म पर मुर्गियों की नस्ल में सुधार किया जा सके और ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सके. मुर्गियां पांच माह की उम्र में अंडा उत्पादन शुरू कर देती है लेकिन जिन मुर्गियों से सेने के लिये अंडे हासिल प्राप्त करना है उनकी उम्र 8 माह से कम और 18 माह से ज्यादा नहीं होनी चाहिये. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रति 6 से 8 मुर्गी समूह में एक नर जरूर हो. ताकी हमें जानदार हासिल हो सकें. अंडों में भ्रूण का विकास अच्छा हो, इससे ज्यादा एवं हेल्दी चूजे निकलें, इसके लिए जरूरी है कि प्रजनन के काम आने वाले मुर्गे व मुर्गियां स्वस्थ होनी चाहिए.
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