नई दिल्ली. भारत में बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जा रहा है. बकरी पालन लघु और सीमांत किसानों के लिए एक आर्थिक कमाई का अच्छा संसाधन बनकर उभरा है. इसे अब वे व्यवसाय के रूप में भी रहे हैं. मगर, बकरी आपको तभी लाभ पहुंचाएगी जब उसे समय से पौष्टिक आहार मिले. अगर बकरियों को ठीक से आहार न मिले तो बकरी की सेहत नहीं बन सकती, बकरी पालकों को ये भी जानना जरूरी है कि किस उम्र की बकरी को कितनी मात्रा में और किस समय फीड देना चाहिए. इसलिए गोट फार्मिंग ये बात जानना बेहद जरूरी है. बता दें कि वैसे तो देश में बकरी की 37 नस्ल होती हैं लेकिन लोगों को वही नस्ल पालनी चाहिए, जो उनके क्षेत्र की जलवायु और वातावरण को झेल सके. साथ ही उसके हिसाब से चारा मिल सके.
देश की अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है.खासतौर पर अगर हम ग्रामीण परिवेश की बात करें तो पशुपालन के जरिए से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त आय किसान, पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाती है. परंपरागत खेती-किसानी को छोड़कर बहुत से लोगों ने नए तौर-तरीके अपनाकर बकरी पालन कर रहे हैं. वहीं एक बात और भी अगर बकरी पालन की जानकारी नहीं हैं तो ये व्यवसाय आपको नुकसान भी दे सकता है. इसलिए फार्म शुरू करने से पहले जितनी हो सके बकरियों के बारे में जानकारी ले जी जाए. इसमें सबसे अहम है बकरियों का आहार. जानवरों को फीड कितनी मात्रा में देना चाहिए कितना नहीं. किस उम्र के जानवर को क्या देना ये जानकारी नहीं होगी तो बकरियों को नुकसान होगा.
ये है बकरी के फीड का चार्ट
उत्तर प्रदेश के मथुरा में बने केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र यानी सीआईआरजी के बकरी पोषण विभाग की मानें तो तीन से पांच माह तक के बच्चों को हरे चारे में दाने के साथ-साथ हरी पत्तियां भी खिलाएं. इतना ही नहीं जो बच्चे स्लॉटर एज यानी 11 से 12 माह के बीच होते हैं उनके चारे में 40 फीसदी दाना और 60 फीसदी सूखा चारा होना चाहिए. वहीं दूध देने वाली बकरी को दिन में दिन में चारे के साथ करीब 400 ग्रामी अनाज भी देना चाहिए. ब्रीडिंग करने वाले वयस्क बकरों को प्रतिदिन सूखे चारे के साथ हरा चारा और 500 ग्राम अनाज देना चाहिए.
वैज्ञानित तरीके से करें बकरी पालन
वृंदावन स्थित स्टार साइंटफिक गोट फार्मिंग के संचालक राशिद बताते हैं कि बकरी पालन करके किसान या कोई और भी अपनी आय को कई गुना तक बढ़ा सकता है लेकिन शर्त यही है कि उसे वैज्ञानित तरीके से बकरी पालन करना होगा. अगर आप बकरी पालन कर रहे हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि नस्ल का ठीक से चयन करें. स्टाल फीडिंग के लिए बरबरी से अच्छी कोई नस्ल नहीं हो सकती और हां अगर आपके पास ग्रासिंग के लिए जगह है तो सिरोही बकरी पालें. उन्होंने कहा कि किसान बकरी फार्म शुरू करने से पहले प्रशिक्षण ले ले तो अच्छा है. अगर आपने सही टाइम पर पौष्टिक दे दिया तो बकरी पालन में कभी कोई दिक्कत नहीं आएगी.
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