नई दिल्ली. देश में एक बार फिर से जीएम मक्का और सोयाबीन इंपोर्ट करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के जिम्मेदारों ने सरकार से जीएम मक्का और सोयाबीन इंपोर्ट करने की परमिशन देने की मांग की. दरअसल हाल ही में पाकिस्तान ने अपने पोल्ट्री किसानों को जीएम सोयाबीन इंपोर्ट करने की इजाजत दी है. वहां के पोल्ट्री किसान अब जीएम सोयाबीन इंपोर्ट कर सकते हैं. इसके बाद से भारत में इस मांग ने और जोर पकड़ लिया है. फेडरेशन के लोगों का कहना है कि देश में पोल्ट्री फीड की कमी भी है और ज्यादा डिमांड भी. इस नाते ये महंगी भी है. यही वजह है कि जीएम मक्का को इंपोर्ट करने की डिमांड बहुत अरसा पहले से चल रही है.
बताते चलें पोल्ट्री से जुड़े हुए जितने भी संगठन हैं चाहे वो फीड से जुड़े हैं या फिर पोल्ट्री से जुड़े हुए, सबकी यह मांग है कि जीएम मक्का और सोयाबीन को इंपोर्ट करने की परमिशन सरकार उन्हें दे. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग में 60 से 70 फीसद लागत फीड के ऊपर ही आती है. जबकि कमी की वजह से डिमांड के मुताबिक फीड भी नहीं मिल रही है. इससे दिन ब दिन ये महंगी होती जा रही है. वहीं पोल्ट्री फीड में मक्का का इस्तेमाल ज्यादा होता है और मक्का से इथेनॉल भी बनाया जा रहा है. इस वजह से भी मक्का महंगा हो रहा है.
केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर उठाया मुद्दा
इसी सिलसिले में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया टीम के अध्यक्ष रणपाल (बिट्टू) ढांडा, रमेश खत्री, अध्यक्ष (पीएफआई वर्किंग ग्रुप), उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, कोषाध्यक्ष रिकी थापर, सचिव रविंदर संधू और कार्यालय प्रबंधक जगदीश ने केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल से मुलाकात की. जहां इन सभी ने भारतीय पोल्ट्री उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा के साथ जीएम मक्का के इंपोर्ट करने की मांग फिर दोहराई. बताते चलें कि पीएफआई प्रतिनिधिमंडल ने इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया. जिसमें ब्रॉयलर और अंडे के उत्पादन लागत पर उच्च मक्का की कीमतों का प्रभाव और सोयाबीन भोजन में मिलावट पर चिंता शामिल थी.
इंपोर्ट होने से लागत हो जाएगी कम
प्रतिनिधिमंडल ने फीड लागत को स्थिर करने और स्थानीय निर्भरता को कम करने के लिए जीएम मक्का और जीएम सोयाबीन और सोयाबीन भोजन के इंपोर्ट करने का प्रस्ताव रखा. बाद में पीएफआई टीम ने पशुपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, पशुपालन कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें पशुपालन संयुक्त आयुक्त डॉ. एसके दत्ता, पशुपालन संयुक्त आयुक्त डॉ. हंसराज खन्ना, पशुपालन उपायुक्त डॉ. गगन गर्ग और पशुपालन उपायुक्त डॉ. लिपि सैरीवाल से भी शामिल थे, उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात में टीम ने सरकार के सहयोग, विशेष रूप से पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के माध्यम से, जिसने इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मदद के लिए धन्यवाद भी दिया.
दिसंबर में होगी फेडरेशन की एजीएम
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया टीम ने मंत्री और सभी अधिकारियों को 27-28 दिसंबर, 2024 को गुड़गांव के होटल द लीला एंबियंस में आयोजित होने वाली पीएफआई की 35वीं वार्षिक आम सभा (एजीएम) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. एजीएम में किसानों, प्रजनकों, फीड बनाने वाले, उपकरण निर्माताओं, दवा कंपनियों और सरकारी अधिकारियों सहित 600 से अधिक उद्योग प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है. जो उद्योग की चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास रणनीतियों का पता लगाने के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करेगा.
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