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Fisheries: मछली का उत्पादन ये काम करें तो बढ़ जाएगा, ठंड में इस बात का भी रखें खास ख्याल

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मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. तालाब में मछलियों का उत्पादन और ग्रोथ अच्छा हो इसके लिए फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि यह बेहद ही जरूरी है. इससे मछली उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ता है. इसके कई तरीके हैं, जिसे हर एक मछली पालक को जानना चाहिए. जैसे तालाब में जैविक खाद के इस्तेमाल के 15 दिन के बाद रासायनिक खाद के मिश्रण का छिड़काव करना चाहिए. 3 साल से पुराने तालाब में यूरिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वहीं चूने का इस्तेमाल हमेशा जैविक और रासायनिक फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से एक-दो दिन पहले ही कर लेना चाहिए.

एक्सपर्ट का कहना है कि यदि तालाब के पानी का रंग हरा है तो रासायनिक खाद का इस्तेमाल बंद कर दें. पानी का रंग जब साफ होने लगे तो रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. विपरीत परिस्थितियों में कम तापमान, बादल और कुहासा आदि की स्थिति में खाद का प्रयोग बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. आमतौर पर ऐसी कंडीशन ठंड के मौसम में ज्यादा होती है. इसलिए ठंड में खाद का प्रयोग करने से बचना चाहिए.

एक हेक्टेयर में कितना डालें फर्टिलाइजर
बताते चलें कि मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए तालाब में मिट्टी और जल में पाए जाने वाले आवश्यक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए फर्टिलाइजर का इस्तेमाल होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि एक हेक्टेयर में हर साल 300 से 500 किलोग्राम चूना डालना चाहिए. 10 टन मवेशी का गोबर या फिर वर्मी खाद 5 टन प्रति हेक्टेयर डाली जा सकती है. रासायनिक खादों की बात की जाए तो एक हेक्टेयर में 100 से 250 किलो यूरिया, 150 से 200 किलो सुपर फास्फेट, 80 से 200 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का इस्तेमाल किया जा सकता है.

बीज डालने से पहले कितनी खाद डालें
मछली के बीज को तालाब में डालने से पहले एक हेक्टेयर में हर साल 200 किलो ग्राम चूने का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. जबकि तालाब में चूने के इस्तेमाल के सात दिनों के बाद पांच हजार किलोग्राम जैविक खाद या गोबर का इस्तेमाल करना चाहिए. फिर गोबर के उपयोग से दो से सात दिन के बाद रासायनिक खाद डालनी चाहिए. यूरिया 50 से 100 किलोग्राम और सुपर फास्फेट 75 से 125 किलोग्राम डाली जा सकती है. वहीं म्यूरेट ऑफ पोटाश 4 से 10 किलोग्राम डालना चाहिए.

मछली का बीज डालने के बाद ये करें
मछली बीज के संचयन के बाद भी चूना का इस्तेमाल फिर किया जाता है. तालाब में 20 से 25 किलो हर महीने चूना डालना चाहिए. वहीं एक हेक्टेयर में 500 किलोग्राम हर महीने गोबर का इस्तेमाल किया जा सकता है. जबकि हर महीने 20 से 30 किलोग्राम यूरिया का इस्तेमाल भी करने से मछलियों के उत्पादन ग्रोथ होगी. 50 से 75 किलोग्राम सुपर फास्फेट और 5 से 10 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए.

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