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Animal News: गाय-भैंस को हीट में लाने का क्या है सही तरीका, जानें यहां

cow and buffalo cross breed
गाय और भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अक्सर पशुपालन में गाय-भैंस हीट में नहीं आती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. कई बार मादा गर्मी के लक्षण तब नहीं दिखते हैं जब वह बहुत बूढ़ी हो या वह मालिक की गैरमौजूदगी में मेल-मिलाप हो जाए. कभी-कभी पशु किसी भी संकेत के बिना गर्मी में आते हैं इसे चुप गर्मी कहा जाता है और भैंसों में ये आम तौर पर पायी जाती है. वहीं यदि फीड पर्याप्त नहीं है या प्रोटीन, लवण या पानी की कमी है के कारण भी पशु हीट में नहीं आ पाते हैं. पशुओं के पेट में कीड़ों के होने या बच्चेदानी में संक्रमण के कारण भी ऐसा होता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि पशु को हीट में लाने के लिए मादा की फीड में सुधार करने की जरूरत होती है. बड़ा गोखरू यानि पेडलियम म्युरेक्स 500 ग्राम फरर्मेंटेशन चावल के पानी के 1000 मिलीलीटर में धोया जाता है जिससे ये तेल जैसा हो जाता है. यह पशुओं के मदकाल की शुरुआत से तीन दिन पहले दिया जाता है. वहीं स्पष्ट वजाइना डिसचार्ज देखने के बाद पशु को टीका लगवाया जा सकता है.

गर्म चीजें खिलाएं, इन तरीको को भी अपनाएं
अश्वगंधा के राइजोम्स 150 ग्राम, जिन्जेली बीज 150 ग्राम को अच्छी तरह से 2 मुर्गी के अंडो और 2 केले में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और पशु को 7 दिनों के लिए दें. यदि पशु तब भी गर्मी में नहीं आता तो 7 दिनों के गैप पर फिर से इलाज दोहराएं. पशुओं को गर्मी में लाने के लिए प्रजना या जनोवा नाम की गोलियां भी दी जाती हैं. गोलियां केवल पशु चिकित्सक की सलाह या निगरानी में दी जानी चाहिए. इसके बाद भी गाय या भैंस गर्मी में नही आती है तो कुछ गर्म चीजें खिलाना चाहिए. जैसे बाजरा, भूसी, खली, मसूर, चुन्नी, अरहर, अण्डा कबूतर का मल आदि. ये सब खिलाने से जानवर को फायदा जरूर होगा.

गाभिन कराने के बाद इस बात का रखें खास ख्याल
इसके साथ ही साथ खनिज मिश्रण पर्याप्त मात्रा में (20 से 30 मिलीग्राम प्रतिदिन 20 दिनों के लिए) पशु के आहार में जरूर सम्मिलित करना चाहिए. कभी भी गाय या भैंस को गाभिन (टीका लगवाने) कराने के बाद ठंड में या छावं वाले स्थान पर रखना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि गाभिन होने के फौरन बाद जानवर को बैठने नहीं देना चाहिए, क्योंकि गाभिन होने के तुरन्त बाद बैठ गया तो सारा सीमेन बाहर निकल जाएगा और वो गाभिन नहीं हो पायेगी. गाभिन होने पर जानवर को कुछ ठंडा चारा खिलाना चाहिए. जैसे चरी, पुआल, बरसीम, जौ, उर्द, चुन्नी इत्यादि. वहीं पशुओं को हर 3 महीने बाद पेट के कीड़ों की दवा दें.

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