नई दिल्ली. बकरी पालन किसानों की आय को बढ़ाने वाला एक बेहतरीन काम है. एक्सपर्ट कहते हैं कि किसानों को कृषि के अलावा बकरी पालन भी करना चाहिए. क्योंकि यह काम कम लागत में किया जा सकता है. वहीं जिन किसानों के पास पूंजी की कमी है, वह भी सरकारी मदद लेकर बकरी पालन का काम शुरू कर सकते हैं. आगरा में भारत के सबसे बड़े गोट फॉर्म यानि युवान एग्रो फॉर्म साइंटिफिक तरीके से बकरी पालन करने के लिए जाना जाता है. जिससे उन्हें यहां पाली जा रही बकरियों से अच्छा उत्पादन नहीं मिलता है.
इस फॉर्म में बकरियों के रहने सहने फीड और चारे आदि की व्यवस्था बेहद ही अच्छी तरह से की गई है. जिसकी मदद से फार्म में बकरियों से अच्छा उत्पादन लिया जा रहा है. लाइव स्टक एनिमल न्यूज लगातार आपको इस फॉर्म में किस तरह से बकरी पालन किया जा रहा है, उसकी जानकारी उपलब्ध करा रहा है. ताकि आपको भी बकरी पालन करने में मदद मिले. जिससे आप अपना मुनाफा बढ़ा सकें तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि बकरियों को रहने के लिए कितनी जगह जरूरत होती है.
50 से 60 जगह की पड़ती है जरूरत
युवान एग्रो फार्म के संचालक डीके सिंह से जब यह पूछा गया कि बकरियों को रहने के लिए कितनी जगह की जरूरत होती है तो उन्होंने बताया कि जो बकरियां बच्चों के साथ रहती हैं, उनमें से हर एक बकरी को 30 से 35 स्क्वायर फीट की जगह की जरूरत होती है. इतनी जगह में वह बेहद ही आसानी रहती ती हैं और उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती है. वहीं एक जानवर को खेलने के लिए बाहर के इलाके में कम से कम 50 से 60 स्क्वायर फीट की जगह की जरूरत पड़ती है. उन्होंने बताया कि जानवरों को जितनी ज्यादा जगह दी जाती है, उन्हें अच्छा लगता है. इससे उनकी हैल्थ भी अच्छी रहती है. उनका पाचन भी सही रहता है और यह उनके लिए बेहद ही जरूरी भी है.
बकरियों से मिलता है अच्छा प्रोडक्शन
अगर बकरियों की पाचन शक्ति अच्छी रहती है तो उन्हें जो कुछ भी खाने के लिए दिया जाता है, वह अच्छे से खा लेती हैं और पचाने के बाद प्रोडक्शन के तौर पर बकरी पालक को रिजल्ट मिलता है. मान लीजिए किसी बकरी को दूध के लिए पाला जा रहा है तो दूध उत्पादन बढ़ता है. जबकि मीट के लिए बकरों को पाला जा रहा है तो बकरे तंदुरुस्त नजर आते हैं और उनका वजन बढ़ता है. ऐसे में बेचते वक्त ज्यादा दाम मिलता है. वहीं बकरियों की हैल्थ अच्छी रहती है तो इसका मतलब है कि वह बीमार नहीं हो रही हैं. इसका भी फायदा बकरी पालक को मिलता है.
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