नई दिल्ली. दिल्ली से लेकर जोधपुर तक यहां तक की पूरे देश में आवारा कुत्तों की समस्या से लोग परेशान हैं. इस समस्या का हल सरकारें खोज नहीं पा रही हैं. इससे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं राजस्थान के जोधपुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने के साथ डॉग बाइट के केस भी लगातार हो रहे है. इन गर्मी है इसलिए आए दिन शहर में कोई ना कोई लोग कुत्तों के काटने के शिकार हो रहे हैं. जोधपुर नगर निगम की ओर से कुत्तों की नसबंदी करने एवं वेक्सीनेशन करने के लिए बीते एक साल से लगातार टेंडर किए जा रहे है. ताकि कुत्तों की संख्या में कमी लाई जा सकें.
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को देखते हुए नगर निगम उत्तर एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नसबंदी के लिए अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत कुल पांच हजार कुत्तों की नसबंदी करने का कार्यक्रम है.
विदेशी सैलानियों पर भी कर चुके हैं हमले
शहर में फिलहाल 1200 से 1500 कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन किया जाएगा. इस टेंडर के पश्चात 3500 से 4000 के बीच कुत्तों की नसबंदी हो जाएगाी. शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी के कारण डॉग बाइटिंग के मामले भी बढ़ रहे है. श्वान की आबादी को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. टूरिस्ट सीजन में तो कई विदेशियों को कुत्तों ने नोच खाया था. हाल ही में प्रतापनगर क्षेत्र में एक कुत्ते ने कइयों को शिकार बनाया था. निगम प्रशासन की ओर से अब यह प्रयास किए जा रहे है कि जल्द से जल्द नसबंदी का कार्यक्रम हो, ताकि आमजन को राहत मिल सकें.
निशानी के लिए काटा जाता है कान
निगम की ओर से बीते एक वर्ष के दौरान एनिमल बर्थ कंट्रोल के तहत तीसरा बड़ा टेंडर किया जा रहा है. जिसमें 1200 से 1500 कुत्तों की नसबंदी की जाएगी. इससे पूर्व डेढ़ साल पहले 200 से 250 कुत्तों की नसबंदी की गई थी. कुत्तों की नसबंदी करने के पश्चात पहचान के लिए कुत्ते के कान को हल्का सा काटा जाता है. ताकि जब कुत्ता दोबारा पकड़ा जाए तो पता चल सकें कि इसकी नसबंदी हो चुकी है. बता दें कि सूरसागर स्थित कुत्तों का बाड़े में कुत्तों को रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी है. लंबे समय से एक नए कुत्ते के बाडा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. निगम दक्षिण ने अपने बजट में नई जगह का प्रस्ताव भी रखा है। पर यह अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकला है.
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