Home पशुपालन Animal Husbandry: क्या है सेंसर आधारित डेयरी फार्मिंग, पशुपालकों को इस बारे में सिखाया
पशुपालन

Animal Husbandry: क्या है सेंसर आधारित डेयरी फार्मिंग, पशुपालकों को इस बारे में सिखाया

livestock
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत ग्राम महलकलां में सेंसर आधारित डेयरी फार्मिंग पर जागरूकता-सह-प्रदर्शन शिविर आयोजित किया गया. शिविर का उद्देश्य डेयरी किसानों को नई सेंसर प्रौद्योगिकियों और पशु स्वास्थ्य, उत्पादकता और प्रबंधन दक्षता में सुधार के लिए उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों से परिचित कराना था. यह नया दृष्टिकोण विस्तार शिक्षा निदेशक और नोडल अधिकारी डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल और परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. परमिंदर सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम का आयोजन डॉ. अमनदीप सिंह, सीओपीआई और डॉ. गुरप्रीत कौर तुल्ला ने किया.

डॉ. अमनदीप सिंह ने तापमान ह्यूमिडिटी सूचकांक (टीएचआई) सेंसर, कुल घुलित ठोस (टीडीएस) मीटर, गैस सेंसर, हवा की गुणवत्ता मीटर और अनाज नमी मीटर के उपयोग का प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि इसका क्या असर होता है. जिसमें कई नई चीजें लोगों को सीखने को मिली.

पशुपालन है वक्त की जरूरत
उन्होंने खेत में तापमान और आर्द्रता का आकलन करने के लिए टीएचआई सेंसर के उपयोग पर प्रकाश डाला और मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि गैसों के उत्पादन का आकलन गैस सेंसर के माध्यम से किया जाएगा. पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए टीडीएस मीटर का उपयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि कैसे इन उपकरणों से वास्तविक समय के डेटा से किसानों को पशु स्वास्थ्य, भोजन और प्रजनन के बारे में समय पर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है, जिससे अंततः दूध की पैदावार और लाभप्रदता में वृद्धि हो सकती है. उन्होंने पारंपरिक डेयरी फार्मिंग प्रणालियों में प्रौद्योगिकी अपनाने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “बढ़ती इनपुट लागत और प्रतिस्पर्धा के साथ, सेंसर का उपयोग करके सटीक पशुपालन करना वक्त की एक जरूरत है.

अपने अनुभव को किया शेयर
ये उपकरण किसानों को बीमारी के लक्षणों के बारे में पहले से सचेत कर सकते हैं, पोषण को अनुकूलित कर सकते हैं और मेहनत लागत को कम कर सकते हैं. किसानों को उपकरणों के साथ व्यावहारिक अनुभव भी दिया गया और ये उपकरण 9 डेयरी फार्मों में लगाए गए हैं. डेयरी फार्मों में लगाए गए सेंसर 30 दिनों तक डेटा रिकॉर्ड करेंगे और डेटा का विश्लेषण करने के बाद टीएचआई, हानिकारक गैसों को कम करने, फीड के उचित भंडारण आदि के लिए सलाह देंगे. प्रतिभागियों ने अपनी शंकाओं को भी दूर किया और अपने अनुभव साझा किए. प्रतिभागियों ने बताया कि इस कार्यक्रम में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

गोवंश के लिए योगी सरकार ने समाज को भी इस अभियान का हिस्सा बनाते हुए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रखी हैं.
पशुपालन

Dairy: दुधारू पशुओं की सेहत से लार का क्या जुड़ाव है, जानें यहां

आपको बता दें कि कई बार एलर्जी और जहरीला पदार्थ खाने से...

अच्छी फसल और अच्छी नस्ल दोनों पशुपालन में मायने रखती हैं. ठीक उसी प्रकार बकरी पालन में भी ये नियम मायने रखता है.
पशुपालन

Goat: मीट और दूध उत्पादन के लिए पालें किस नस्ल की बकरी, जानें यहां

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की मानें तो बकरी पालन में...

livestock animal news
पशुपालन

Goat: गाय-भैंस के मुकबाले क्यों बकरी पालन है ज्यादा फायदेमंद, पढ़ें यहां

ग्रामीण जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग जो गरीब है, बकरी के दूध...