नई दिल्ली. राजस्थान में लंपी स्किन डिसीज रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिये समय से तैयारियों और अन्य सम्बन्धित विभागों में समन्वय बनाकर काम करने को लेकर चर्चा हुई. दअसल, इसके लिए शासन सचिवालय में शासन सचिव पशुपालन विभाग डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा, गोपालन निदेशक प्रह्लाद सहाय नागा तथा पशुपालन, डेयरी-गोपालन विभाग एवं अन्य स्टेक होल्डर्स विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में डॉ शर्मा ने इस वर्ष लंपी स्किन डिसीज रोग के नियंत्रण और रोकथाम की तैयारियों पर जोर दिया.
मौजूदा वक्त में राज्य के कुछ जिलों में लंपी स्किन डिसीज रोग की वजह से छिटपुट मामले सामने आए हैं. विभाग द्वारा केसेज मिलने पर रोग सर्वेक्षण, निदान एवं रोग नियंत्रण का काम किया जा रहा है. विभाग द्वारा रोग नियंत्रण हेतु राज्य के समस्त गौ वंशीय पशुओं (लगभग 139 लाख गौवंशीय पशु) में गॉट पॉक्स वैक्सीन लगाई गई है.
पढ़ें सचिव ने दिए क्या निर्देश
डॉ. शर्मा ने रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए विभागवार तैयारियों की समीक्षा करते हुये पशुपालन विभाग को रोग सर्वेक्षण, निदान-सेम्पल कलेक्शन, उपचार तथा रोग नियंत्रण का निर्देश दिया है.
साथ ही रोकथाम के लिए गाइडलाइन का प्रारूप और इनके पालन पशु चिकित्सा संस्थाओं-लैब्स के माध्यम से सुनिश्चित किए जानें और पशु चिकित्सा संस्था स्तर तक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए.
कहाा कि रोग प्रकोप की स्थिति में गाइलाइन के मुताबिक एपिसेन्टर, संक्रमित, उपचारित एवं मृत पशुओं की दैनिक सूचना निदेशालय को प्रेषित की जाए.
डॉ शर्मा ने मृत पशुओं के शवों के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए स्थानीय निकाय तथा अन्य स्टेक होल्डर्स विभागों को तकनीकी सहयोग प्रदान के लिए विभाग के अधिकारियों को कहा.
कहा कि गौशालाओं में सम्मिलित होने वाले नये पशुओं का कम से कम 14 दिन क्वारेंटाईन किए जाएं. इसके बाद ही अन्य पशुओं के साथ रखे जाने के निर्देश दिए.
उन्होंने आरसीडीएफ को निर्देश दिया कि वे मिल्क यूनियन से सम्बद्ध पशुपालकों के पशु गृहों में सेनिटाईजेशन, हाईजिन, फोगिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
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