Home डेयरी Animal Fodder: डेयरी पशु को क्यों खिलाना चाहिए बरसीम, यहां पढ़ें इसकी बुवाई का सही तरीका भी
डेयरी

Animal Fodder: डेयरी पशु को क्यों खिलाना चाहिए बरसीम, यहां पढ़ें इसकी बुवाई का सही तरीका भी

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में पशुओं को ऐसी चीजें खिलाई जाती हैं, जिससे उसका दूध उत्पादन बेहतर हो. पशु अपनी क्षमता के मुताबिक और कई बार ज्यादा दूध का उत्पादन करे, तभी डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में फायदा मिलता है. बता दें कि पशुओं को दी जाने वाली खाने की तमाम चीजों में बरसीम बेहतरीन चारा है. यदि आप पशु को बरसीम खिलाते हैं तो इससे उसको भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलेगी. क्योंकि बरसीम के अंदर प्रोटीन होता है, जिससे पशु को दूध उत्पादन करने में मदद मिलती है.

पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक्सपर्ट ने बताया कि बरसीम खिलाने से पशुओं का दूध बढ़ता है, उनकी हैल्थ अच्छी रहती है. जिससे वो बीमार नहीं होते हैं. यह दलहनी फसल पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसे पशुओं को खिलाना चाहिए.

बरसीम की कैसे करें खेती
बरसीम रबी चारे की मुख्य फसल है. इसके चारे में प्राटीन की मात्रा अधिक होती है. दलहनी फसल होने के नाते यह मृदा उर्वरकता में वृद्धि करती है.

बरसीम से उत्तम किस्म की साइलेज भी तैयार की जाती है. भारत में बरसीम की फसल सन् 1904 में सर प्लोचर द्वारा सर्वप्रथम मीरपूर खास फार्म (सिंध) में उगाई गयी थी.

उत्तर भारत में यह हरे चारे की प्रमुख फसल है. बरसीम की अच्छी वृद्धि के लिए अर्ध शुष्क एवं ठंड़ी जलवायु की आवश्यकता होती है.

150 सेमी से कम वार्षिक वर्षा वाले स्थानों पर यह सफलतापूर्वक उगायी जाती है.

अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में जड़ों में उपस्थित जीवाणु निष्क्रिय हो जाते हैं और जड़ें सड़ जाती हैं तथा कम वर्षा वाले स्थानों में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था की आवश्यकता होती है.

अधिक तापमान एवं अधिक वर्षा के कारण दक्षिणी भारत की जलवायु बरसीम के लिए उपयुक्त नहीं है.

बरसीम वाली भूमियों में जल निकास एवं वायु संचार प्रबन्ध अच्छा होना चाहिये. उपजाऊ दोमट भूमियां इस फसल के लिए सबसे उत्तम होती हैं.

धान की भारी मृदाओं में भी बरसीम की फसल सफलतापूर्वक उगाई जाती है. क्षारीय भूमियों पर भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जाती है लेकिन अम्लीय भूमियों में बरसीम की खेती सम्भव नहीं है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

हरे चारे में बरसीम बेहद मायने रखती है. इसके जरिए पशु की हेल्थ तो सुधरती है साथ ही खेत की उवर्रक क्षमता भी बढ़ती है.
डेयरी

Green Fodder: बरसीम के चारे की कैसे लें ज्यादा पैदावार, जानें यहां

इसके लिए कल्चर को एक लीटर पानी व 100 ग्राम गुड़ के...

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को पालने में असमर्थ हो सकती है और एक या अधिक बच्चे गर्भ में ही खत्म होने का खतरा हो सकता है.
डेयरी

Dairy Cow: दुधारू पशुओं की पहचान क्या है, नहीं जानते हैं तो पढ़ लें यहां

एनडीडीबी के एक्सपर्ट के मुताबिक दुधारू पशु की चमड़ी चिक्नी, पतली और...

According to FSSAI, Mobile Food Testing Laboratory (MFTL), also known as “Food Safety on wheels” (FSW), play a crucial role in expanding food testing, training, and awareness programs, particularly in villages, towns, and remote areas.
डेयरी

Milk Production: मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार शुरू करने जा रही है ये अभियान

सरकार का दावा है कि इस दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के तहत...

सामान्य तौर पर गाय ढाई से 3 वर्ष में और भैंस तीन से चार वर्ष की आयु में प्रजनन योग्य हो जाती हैं. प्रजनन काल में पशु 21 दिनों के अंतराल के बाद गाभिन करा देना चाहिए.
डेयरी

Dairy Product: दूध से तैयार होने वाले इस प्रोडक्ट को घर पर तैयार करके कमा सकते हैं डबल मुनाफा

मावा एक ऐसा दूध प्रोडक्ट है जिसमें खूब मिलावट भी होती है....