नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (GADVASU) देश की उन यूनिवर्सिटी में शामिल है जो पशुधन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए काम करती है. साथ ही पशधुन के स्वास्थ्य को सही रखने व बीमारियों की रोकथाम को बढ़ावा देने का काम भी ये यूनिवर्सिटी करती है. इसके लिए कई रिसर्च किए जाते हैं. गडवासु को उसके बेहतरीन काम के लिए हाल ही में एक बड़ा सम्मान मिला है. असल में गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क 2025 रैंकिंग में देश भर के पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान हासिल किया है.
ये एक प्रतिष्ठित सफलता है. इससे पशु चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में एक अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है.
30वां स्थान किया हासिल
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में 40 विश्वविद्यालयों और संस्थानों में 30वां स्थान प्राप्त करके, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने यह साबित कर दिया है कि वह पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान के क्षेत्र में शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. आगे भी वो इस तरह का काम करता रहेगा.
गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी ने शीर्ष 100 राज्य पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है और 151-200 बैंड में भी रैंक हासिल की है.
यहां ये भी बताते चलें कि भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क में भी इस विश्वविद्यालय को राज्य के पहले दो पशु चिकित्सा एवं मत्स्य पालन विश्वविद्यालयों में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है.
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने कहा कि यह एक सम्मानजनक उपलब्धि है. उन्होंने इस संयुक्त जीत का श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों और पूर्व विद्यार्थियों को दिया.
उन्होंने कहा कि रैंकिंग प्राप्त करने से जहाँ एक ओर विशेष प्रोत्साहन मिलता है, वहीं यह इस बात का भी प्रमाण है कि हमारा संस्थान पशु चिकित्सा, पशु कल्याण और व्यवसाय के उच्च मानदंडों को सामने रखकर समाज की सेवा कर रहा है.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय पंजाब और राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित संस्थान और सेवा प्रदाता के रूप में निरंतर प्रयास करता रहेगा.
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