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Lumpy Skin Disease: क्यों होती है पशुओं को लंपी स्किन डिसीज, क्या हैं इसके लक्षण, जानें यहां

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन में खासकर गाय पालन में लंपी स्किन डिसीज का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. इस बीमारी के फैल जाने से पशुपालकों को नुकसान होता है. गायों की मौत हो जाती है और इससे गाय पालक को एक झटके में हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ जाता है. बताते चलें कि इन दिनों हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में लंपी रोग का असर दिखाई दिया है. यहां कुछ पशुओं की जान भी गई है. जबकि बहुत से पशु बीमार हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. ये खतरा और ज्यादा न बढ़े इसके लिए वहां की सरकारें कोशिश कर रही हैं.

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) की ओर से भी कुछ कदम उठाए गए हैं. वहीं पशुपालकों को जागरुक किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे इस रोग से बचाव होगा, इस बीमारी का लक्षण क्या हैं, आदि. यदि आप भी इस बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज को बताया कि (Livestock Animal News) ये बीमारी ज्यादा तक गौ जाति के पशुओं में होती है.

रोग का कारण क्या है
यह रोग कैप्री पॉक्स वायरस लम्पी स्कीन डिजीज वायरस (Capri Pox virus-Lumpy Skin Disease Virus) से होता है.

क्या होता है नुकसान
यदि ये बीमारी पशुओं को हो जाती है तो दूध उत्पादन काफी कम हो जाता है.

वहीं जब गंभीर रूप ले लेता है तो पशुओं की मौत हो जाती है.

हालांकि यह रोग पशुओं से इंसानों में नहीं फैलता है.

रोग से बचाव के उपाय क्या हैं
इस रोग से बचाव के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है.

बीमारी के लक्षण भी जानें

वहीं पशुओं का शारीरिक तापमान काफी बढ़ जाता है. यानि पशु के शरीर का तापमान तकरीबन (104-105 डिग्री फॉरेनहाईट) हो जाता है.

शरीर के अधिकतर भागों में मोटे-मोटे उभरे हुये चकत्ते हो जाते हैं.

पशु चकत्ते को खुजलाकर घाव कर लेते हैं. चकत्तों में जीवाणुओं का संक्रमण बढ़ जाता है. इससे उनकी मौत हो जाती है.

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लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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