नई दिल्ली. भारत में प्रोड्यूस होने वाले सी-फूड यानि झींगा मछली की डिमांड दुनियाभर में है. अमेरिका और चीन इसके बड़े आयातक देश हैं. इसके अलावा भी कई ऐसे देश हैं, जहां पर भारत का झींगा खूब पसंद किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इसकी एक वजह झींगा मछली के अंदर पाए जाने वाली क्वालिटी भी है. न्यूट्रीशियन एक्सपर्अ कहते हैं कि झींगा मछली में एंटी-एजिंग है जो बाल और त्वचा की सुरक्षा के लिए बेहद ही मुफीद है. वहीं बॉडी के अंदर सूजन से लड़ने में भी ये सहायक है. झींगा के अंदर का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ में सुधार करता है. वहीं झींगा का सेवन ब्रेन फंक्शन को बढ़ा सकता है और दिल के लिए फायदेमंद है.
ये तो रही झींगा की क्वालिटी की बात, अगर झींगा के एक्सपोर्ट पर नजर डालें तों भारत से फ्रोजन झींगा जापान को भी निर्यात किया जाता है. जिसकी मात्रा में हिस्सेदारी 33.26 प्रतिशत है- अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा है. भारत से 65.98 प्रतिशत अमेरिकी डॉलर मूल्य में झींगा एक्सपोर्ट किया जाता है. वहीं वियतनाम चौथे सबसे बड़े बाजार स्थान पर है. जिसने 1,32,086 मीट्रिक टन का आयात किया, जिसका मूल्य 31 करोड़ अमेरिकी डॉलर था. फ्रोजन झींगा का आयात में दबदबा है, जिसका अमेरिकी डॉलर आय में 55.43 प्रतिशत और मात्रा में 30.11 प्रतिशत हिस्सा है. इसके बाद सूखे आइटम हैं.
थाईलैंड में भी होता है झींगा एक्सपोर्ट
थाईलैंड पांचवां सबसे बड़ा बाजार है, जिसका अमेरिकी डॉलर हिस्सा 3.82 प्रतिशत है और मात्रा के हिसाब से तीसरे स्थान (7.77 प्रतिशत हिस्सेदारी) पर है. इसका 1,38,457 मीट्रिक टन का मूल्य 28 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. फ्रोजन मछली थाईलैंड को निर्यात की जाने वाली महत्वपूर्ण वस्तु रही है. जिसका अमेरिकी डॉलर आय में 44.37 प्रतिशत और मात्रा में 63.91 प्रतिशत हिस्सा रहा है. कनाडा अमेरिकी डॉलर (2.70 प्रतिशत हिस्सेदारी) के मामले में छठे सबसे बड़े बाजार और मात्रा (1.40 प्रतिशत हिस्सेदारी) के मामले में दसवें स्थान पर है. इस सिलसिले में 24,956 मीट्रिक टन के हिसाब से इसका मूल्य 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. कनाडा को निर्यात में फ्रोजन झींगा का दबदबा है, जिसकी यूएस डॉलर आय में 93.36 प्रतिशत और मात्रा के लिहाज से 89.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
स्पेन भी है भारत के झींगा का खरीदार
अमेरिकी डॉलर में स्पेन सातवां सबसे बड़ा बाजार (2.65 प्रतिशत हिस्सेदारी) और मात्रा के लिहाज से छठा सबसे बड़ा बाजार (2.24 प्रतिशत हिस्सेदारी) है, जिसकी निर्यात मात्रा 39,849 मीट्रिक टन है. इसकी कीमत 19.5 करोड़ मिलियन अमेरिकी डॉलर है. फ्रोजन कटलफिश स्पेन को निर्यात की जाने वाली महत्वपूर्ण वस्तु बनी रही, जिसकी अमेरिकी डॉलर में हिस्सेदारी 44.01 प्रतिशत और मात्रा के लिहाज से 33.01 प्रतिशत है. वहीं अमेरिकी डॉलर में 2.42 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बेल्जियम भारत के लिए सी-फूड निर्यात गंतव्यों में आठवें स्थान पर है, उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) (2.15 प्रतिशत हिस्सेदारी) और इटली (2.14 प्रतिशत हिस्सेदारी) का स्थान है. अमेरिकी डॉलर के लिहाज से शीर्ष 10 बाजार 79.89 प्रतिशत का योगदान करते हैं.
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