Home मछली पालन Shrimp Export: अमेरिका-चीन को बहुत पंसद है इंडियन झींगा-मछली, जानें कितना खरीदते हैं हर साल
मछली पालन

Shrimp Export: अमेरिका-चीन को बहुत पंसद है इंडियन झींगा-मछली, जानें कितना खरीदते हैं हर साल

livestock animal news shrimp farming
भारत में प्रोड्यूस झींगा की तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत में प्रोड्यूस होने वाले झींगा को विदेशों में बहुत पसंद किया जाता है. खासतौर पर सुपर पावर अमेरिका और पड़ोसी देश चीन को. ये दोनों ही देश भारत से बड़ी मात्रा में झींगा को इंपोर्ट करते हैं. अमेरिका डॉलर में दोनों देश के इंपोर्ट को काउंट किया जाए तो ये 400 अमेरिका डॉलर के पास है. दरअसल, झींगा में कई गुणकारी सोर्स होते हैं. जो ह्यूमन बॉडी के लिए बेहद ही अहम हैं. इस चीज को अमेरिका और चीन जैसे देश जानते हैं और यही वजह है कि भारत से बड़ी मात्रा में झींगा इंपोर्ट करते हैं.

वहां के लोग अपनी सेहत को लेकर अन्य देशों के मामले में ज्यादा जागरूक भी हैं और सरकार भी अपने लोगों की सेहत को लेकर गंभीर है. एक्सपर्ट कहते हैं कि झींगा को सेलेनियम का एक बड़ा सोर्स माना जाता है. इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो बेहद ही जरूरी है. वहीं झींगा थायरॉयड रोग, अवसाद और एनीमिया से बचाने में भी मददगार साबित होता है. इस तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों को झींगा खाना चाहिए. वहीं झींगा मछली भोजन में प्रोटीन का मुख्य सोर्स भी है.

अमेरिका करता है 260 करोड़ का झींगा इंपोर्ट
विदेशी बाजारों के बारे में अमेरिका का जिक्र किया जाए तो भारतीय सी-फूड का प्रमुख आयातक देश है. जिसका आयात 260 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आसपास है. अमेरिकी डॉलर मूल्य की बात की जाए तो हिस्सेदारी 34.53 प्रतिशत है. अमेरिका को निर्यात में मात्रा और मूल्य के संदर्भ में 7.46 प्रतिशत है और इसमें 1.42 प्रतिशत का इजाफा भी हुआ है. हालांकि, अमेरिकी डॉलर के बारे में बात की जाए तो इसमें 3.15 प्रतिशत की गिरावट भी दर्ज की गई है. वहीं फ्रोजन झींगा अमेरिका को लगातार निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तु बनी है. जिसका अमेरिकी संदर्भ में 91.90 प्रतिशत हिस्सा था. अमेरिका को ब्लैक टाइगर झींगा का निर्यात मात्रा के संदर्भ में 35.37 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 32.35 प्रतिशत बढ़ा है.

चीन में साढ़े चार मीट्रिक टन होता है निर्यात
वहीं चीन, अमेरिकी के बाद दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड निर्यातक देश है. जिसकी 4,51,363 मीट्रिक टन आयात मात्रा है. इसका मूल्य 139 करोड़ अमेरिकी डॉलर है, जो मात्रा के हिसाब से 25.33 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर के हिसाब से 18.76 प्रतिशत है. चीन को निर्यात मात्रा के हिसाब से 12.80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, वे रुपये मूल्य में 0.88 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर मूल्य में 4.21 प्रतिशत घट गए हैं. चीन को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तु फ्रोजन झींगा की मात्रा के हिसाब से 32 प्रतिशत और यूएस डॉलर मूल्य के हिसाब से 55.11 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. जबकि फ्रोजन मछली की मात्रा के हिसाब से 36.83 प्रतिशत और यूएस डॉलर मूल्य के हिसाब से 21.56 प्रतिशत की दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के...

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...