नई दिल्ली. देश भर में दूध सप्लाई करने वाली अमूल डेयरी ने नई फीड किस्म लॉन्च की है. इसका उद्देश्य भैंस के दूध में गैर ठोस वसा एसएनएफ में सुधार करना है. अमूल की ओर से कहा गया कि देश के घरेलू डेयरी उद्योग में कम फैट और एसएनएफ की समस्या आम बात है. दुग्ध संघ के रिसर्च से पता चला है कि एसएनएफ सामग्री डेयरी पशुओं को दिए जाने वाले आहार, कम प्रोटीन और ऊर्जा के कारण ही है. जिस वजह से अमूल की ओर से एक परियोजना की शुरुआत की गई है. जिसके माध्यम से मिल्क शेड क्षेत्र के सभी गांव में 3000 मशीन इंस्टाल की गई हैं.
क्या है एनएनएफ कम होने की वजह
अमूल डेयरी के एमडी अमित व्यास का कहना है कि एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए हमने अपने डेयरी किसानों और वसा और एसएनएफ सामग्री का विवरण प्रदान करना शुरू कर दिया है. डेयरी पशुओं में कम एसएनएफ सामग्री के पीछे के कारणों का मूल्यांकन भी किया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पता चला है कि आम तौर पर कम एसएनएफ सामग्री के पीछे तीन मुख्य कारण हैं, उन्होंने बताया कि दूध के साथ पानी मिलाना इसका एक कारण है. वहीं सबक्लिनिकल मास्टिटिस (जो दूध उत्पादन को कम करता है) या विटामिन और खनिज युक्त फ़ीड की कमी शामिल है. गर्मी के मौसम से पहले अमूल डेयरी के अध्यक्ष विपुल पटेल ने अन्य बोर्ड सदस्यों के साथ फीड पूरक के रूप में अमूल एसएनएफ वृद्धि को लांच किया है, जो डेयरी किसानों को दूध की उपज, वसा और एसएनएस सामग्री में सुधार करेगा.
क्या होता है एसएनएफ
बता दें कि दूध और उनसे बने उत्पादों का सेवन दुनिया भर में होता है. ऐसे में पशुपालक अक्सर यह सोचते हैं कि दूध की मात्रा को कैसे बढ़ाया जाए. जबकि पशुपालक दूध की गुणवत्ता को बेहत करके भी ज्यादा आय अर्जित कर सकते हैं. पशुपालक गाय भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. दूध में फैट और एसएनएफ जितना अधिक होता है, दूध की गुणवत्ता उतनी बेहतर मानी जाती है. दूध के अंदर पानी और बैटरफैट पदार्थ होते हैं, उन्हें एसएनएफ सोलिड्स नॉन फैट कहते हैं. आपको बता दें कि एसएनएफ में विटामिन लैक्टोज और खनिज पदार्थ आदि शामिल होते हैं. दूध की गुणवत्ता को बेहतर करने में ये पदार्थ आवश्यक मानें जाते हैं. गाय के दूध में 8.5% तक एसएनएफ पाया जाता है, वहीं भैंस में 9% तक ये मौजूद होता है.
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