Home पशुपालन Animal News: गडवासु में दो दिन में 14 लाख रुपए के बिक गए ये प्रोडक्ट, 35 लाख रुपए का मिला आर्डर
पशुपालन

Animal News: गडवासु में दो दिन में 14 लाख रुपए के बिक गए ये प्रोडक्ट, 35 लाख रुपए का मिला आर्डर

Animal Feed and Food Security, Association of Indian Agricultural Universities, Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय.

नई दिल्ली. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के पशु पालन मेले में पशुओं के चारे के पूरक, मछली उत्पाद, दूध उत्पाद और मांस आधारित व्यंजनों की बिक्री में जबरदस्त इजाफजा देखा गया है. इस कार्यक्रम ने नस्ल सुधार, वैज्ञानिक पशुपालन और जनता के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पशु आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय की भूमिका को मजबूत किया. कुलपति डॉ. जेपीएस गिल ने कहा, ‘किसानों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और प्रभावशाली बिक्री के आंकड़े यूनिवर्सिटी के शोध-समर्थित उत्पादों में विश्वास को दर्शाते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान किसानों की लाभप्रदता और पशु उत्पादकता बढ़ाने के लिए अभिनव और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध पशुधन समाधान विकसित करने पर रहा.’

पशुओं की जरूरत होगी पूरी
यूनिवर्सिटी के पशु पोषण प्रोडक्ट की उल्लेखनीय मांग देखी गई, जिससे दो दिनों में लगभग 14 लाख रुपए का कुल राजस्व हासिल हुआ और फीड सप्लीमेंट्स के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) जैसे विभिन्न संस्थानों से 35 लाख रुपए के ऑर्डर मिले हैं. सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट में टाइप-2 मिनरल मिक्सचर, एरिया-स्पेसिफ़िक मिनरल मिक्सचर, सूअरों और मछलियों के लिए मिनरल मिक्सचर, बाईपास फैट और यूरोमिन लिक शामिल थे. पशुओं की विविध जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए इन प्रोडक्ट ने पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता बढ़ाने में अपनी भूमिका के लिए किसानों से सराहना अर्जित की.

रेडी टू ईट फूड की रही धूम
मछली आधारित वैल्यू एडेड प्रोडक्ट एक और प्रमुख आकर्षण थे, जिससे 1.22 लाख रुपए की बिक्री हुई. मेहमानों फिश मोमोज, फिश बाइट्स, फिश बर्गर, फिश टिक्की, फिश समोसा, फिश फिंगर्स, फिश फिलेट और फिश चाट जैसे रेडी-टू-ईट फूड की खरीदारी की. मछली आधारित खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग ने स्वस्थ और प्रोटीन युक्त आहार विकल्पों की ओर बदलाव को दर्शाया. इसके अतिरिक्त, चिकन नगेट्स, बकरी के मांस के नगेट्स, चिकन अचार, चिकन मीटबॉल, चिकन पैटीज़, चिकन मीट समोसे और उबले अंडे सहित विश्वविद्यालय के मांस प्रोडक्ट ने 40 हजार रुपए की बिक्री की, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रोसेसिंग मीट प्रोडक्ट में बढ़ती उपभोक्ता रुचि को उजागर करता है.

डेयरी प्रोडक्ट खींचा ध्यान
डेयरी विभाग ने 1.53 लाख रुपए की प्रभावशाली बिक्री दर्ज की. जिसमें फ्लेवर्ड मिल्क, आइसक्रीम, लस्सी, बर्फी, मिल्क केक, कुल्फी और ढोडा बर्फी सहित 16 दूध आधारित उत्पादों की विविध रेंज पेश की गई. इन पारंपरिक और अभिनव डेयरी उत्पादों ने किसानों के बीच लोकप्रियता हासिल की, जिससे ताजा और उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों की मांग पर जोर दिया गया. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आरएस ग्रेवाल ने कहा कि यह केवल बिक्री के बारे में नहीं है. यह ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के लिए एक मंच है. रिसर्च और व्यावहारिक कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटकर, विश्वविद्यालय किसानों को सशक्त बनाना, पशुधन उत्पादकता बढ़ाना और टिकाऊ पशु कृषि को बढ़ावा देना जारी रखता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

milk production
पशुपालन

Heat Wave: अगर आपके गाय-भैंस में दिखें ये लक्षण, तो समझ जाएं लू का हुआ है असर, जानें क्या करें

पशुपालकों को पता होना चाहिए कि कैसे अपने पशुओं को चलने वाली...

livestock
पशुपालन

Green Fodder: जानें इस हरे चारे की बुवाई का सही वक्त, पशुओं को नहीं होगी आहार की कमी

हरा चारा भी पशुओं को कुछ मात्रा में सूखे चारे के साथ...

Bakrid, Barbari Goat, Sirohi, STRAR goat farming, Bakrid, Barbari Goat, Goat Farming
पशुपालन

Goat Farming: बकरी पालन में कई फायदे, बावजूद आ रहीं हैं रुकावटें, एक्सपर्ट से जानें क्या हैं प्रमुख कारण

बकरी पालन गरीब ग्रामीणों, खेतीहर मजदूरों, लघु एवं सीमांत किसानों तथा महिलाओं...