नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं को बीमारी से बचाना और अगर उन्हें बीमारी हो जाए तो उनका समय से इलाज करना बेहद ही अहम है. तभी पशुओं से बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है और इससे किसानों को फायदा हो सकता है. इसी क्रम में वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग द्वारा पशु उपचार की नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. इस विभाग द्वारा जल्द ही रोबोटिक सर्जरी की यूनिट को लगाने की योजना बनाई जा रही है. बताते चलें कि इस कॉलेज का सर्जिकल ट्रीटमेंट देश के तमाम अग्रणी कॉलेजों की कैटेगरी में गिना जाता है.
गौरतलब है कि आईसीएआर फंडेड “पशुचिकित्सा सर्जरी और डायग्नोस्टिक इमेजिंग में नई तकनीकों को फार्म और पालतू पशुओं में विभिन्न सर्जिकल परिस्थितियों के प्रबंधन में उपयोग” विषय पर 21 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम सोमवार को संपन्न हुआ. ट्रेनिंग के खत्म होने के मौके पर कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि वेटरनरी कॉलेज के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग द्वारा पशु उपचार की नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. इस विभाग द्वारा जल्द ही रोबोटिक सर्जरी की यूनिट को स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है.
स्किल का इस्तेमाल करना जरूरी
प्रो. दीक्षित ने ट्रेनिंग लेने वाले ट्रेनीज को यहां सिखाई गई स्किल को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया. राजुवास के पूर्व कुलपति, प्रो. एके. गहलोत ने कहा कि कॉलेज में कुशल मानव संसाधन एवं अत्याधुनिक उपकरण है जो कि इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बेहतरीन है. हमें इन संसाधनों को अधिक से अधिक इस्तेमाल स्किल विकास के लिए करना चाहिए. अश्व अनुसंधान केन्द्र बीकानेर निदेशक डॉ. एससी मेहता ने ने भी ट्रेनिंग के दौरान स्किल सीखने वाले ट्रेनीज को सम्बोधित करते हुए एक्सपीरियंस शेयर किया.
कई राज्यों के ट्रेनीज से सीखी बारीकियां
ट्रेनिंग डायरेक्टर प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बताया कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में देश के विभिन्न राज्यों लुधियाना, हिसार, रीवा (मध्यप्रदेश), भुवनेश्वर (उड़ीसा) तिरूपति, तिरूचली, आंध प्रदेश, गुजरात आदि से 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. प्रो. बिश्नोई ने कहा कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में ऑर्थोपेडिक, लेप्रोस्कोपिक, ऑफ्थैल्मीक, दंत चिकित्सा सर्जरी, सोफ्ट टिश्यू सर्जरी, लेजर सर्जरी डायग्नोस्टिक, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया. देश के विभिन्न वेटरनरी कॉलेज के विशेषज्ञ द्वारा ऑन-लाइन भी अपने विचार रखे.
डॉयग्नोस्टिक इमेजिंग यूनिट की हुई शुरुआत
राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर में कैंपस में सोमवार को कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा डायग्नोस्टिक इमेजिंग यूनिट का लोकार्पण किया गया. कुलपति आचार्य दीक्षित ने बताया कि पशुचिकित्सा संकुल बीकानेर के सुद्दढ़ीकरण और पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कॉलेज लगातार कोशिश कर रहा है. सर्जिकल डिपार्टमेंट और रेडिएशन विभाग में इस डायग्नोस्टिक एवं इमेजिंग यूनिट हॉल के बन जाने से यहां छोटे व बड़े जानवरों में डीजीटल एक्स-रे, सोनोग्राफी के कार्य बेहतर एवं सुविधाजनक हो सकेगा. इन संसाधनों के विकसित हो जाने से पशुपालकों का उन्नत एवं बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो पाएगी.
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