Home पशुपालन Animal Husbandry: जानिए चारा स्टोर करने की बेहतरीन ट्रिक
पशुपालन

Animal Husbandry: जानिए चारा स्टोर करने की बेहतरीन ट्रिक

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. गर्मी का मौसम अपनी रफ्तार पकड़ रहा है. इस मौसम में पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या पैदा हो जाती है. पशुओं से अधिकतम दूध लेने के लिए उन्हें अच्छी मात्रा में पौष्टिक चारे की जरूरत होती है. इन चारों को पशुपालक या तो खुद उगाता है या फिर कहीं और से खरीद कर मंगाता है. चारे को ज्यादातर हरी अवस्था में पशुओं को खिलाया जाता है तथा इसकी अतिरिक्त मात्रा को सुखाकर भविष्य में प्रयोग करने के लिए स्टोर कर लिया जाता है ताकि चारे की कमी के समय उसका प्रयोग पशुओं को खिलाने के लिए किया जा सके. अगर आप भी अपने पशुओं के लिए पौष्टिक और हरे चारे की समस्या से परेशान हैं, तो इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप पशुओं का स्टोर करके रख सकते हैं, जिससे कमी होने के समय पर भी आप अपने दुधारू पशुओं को भरपूर फीड दे सकेंगे.

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है. चारे का कई बार गलत तरीके से स्टोरेज करने से उसमें पोषक तत्व बहुत कम रह जाते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि इसी चारे का स्टोरेज यदि साइंटिफिक तरीके से करें तो उसकी पौष्टिकता में कोई कमी नहीं आती है. आइये जानते हैं पशुओं के लिए चारा स्टोरेज करने के तरीके.

ऐसे बनाएं घास का हे: जहां जमीन अधिक गीली रहती हो या जहां बारिश अधिक होती हो, ऐसे स्थानों पर खेतों में तिपाड्यां गाड़कर चारे की फसलों को उन पर फैला देते हैं. इस प्रकार वे भूमि के बिना संपर्क में आए हवा व धूप से सूख जाती है. कई स्थानों पर घरों की क्षत पर भी घासों को सुखा कर हे बनाया जाता है. हे बनाने के लिए हरे चारे या घास को इतना सुखाया जाता है जिससे कि उसकी नमी की मात्रा 15-20 फीसद तक ही रह जाए. इससे प्लांट कोशिकाओं और बैक्टीरिया की एन्जाइम क्रिया रुक जाती है, लेकिन इससे चारे की पौष्टिकता में कमी नहीं आती.

इनका बना सकते हैं हे: हे बनाने के लिए लोबिया, बरसीम, लूसर्न, सोयाबीन, मटर आदि लेग्यूम्स तथा ज्वार, नेपियर, जौ, जवी, बाजरा, ज्वार, मक्की, गिन्नी, अंजन आदि घासों का प्रयोग किया जा सकता है. लेग्यूम्स घासों में सुपाच्य तत्व अधिक होते हैं तथा इनमें प्रोटीन व विटामिन एडी व ई भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. दूध उत्पादन के लिए ये फसलें बहुत उपयुक्त ती हैं.

ऐसे करें सुखाने का इंतजाम: मध्यम व ऊंचे क्षेत्रों में हे (सूखे घास) को कूप या गुम्बद की शक्ल के ढेर में ठीक ढंग से व्यवस्थित करके रखा जाता है. इनका आकार कोन की तरह होने के कारण इन पर वर्षा का पानी खड़ा नहीं हो पाता जिससे चारे की पौष्टिकता में कमी नहीं आती. वहीं सूखे चारे जैसे भूसा (तूड़ी), पुराल आदि में पौष्टिक तत्व लिगनिन के अंदर जकड़े रहते हैं. जोकि पशु के पाचन तंत्र द्वारा प्रयोग नहीं किए जा सकते हैं. इन चारों का कुछ रासायनिक पदार्थों द्वारा उपचार करके इनके पोषक तत्वों को लिगनिन से अलग कर लिया जाता है. इसके लिए यूरिया उपचार की विधि सबसे सस्ती तथा उत्तम है.

खेत में सुखा लें चारा: जब हरे चारे की फसल फूल आने वाली अवस्था में होती है तो उसे काटकर 1-1 की परतों में पूरे खेत में फैला देते हैं तथा बीच बीच में उसे पलटते रहते हैं. जब तक कि उसमें पानी की मात्रा लगभग 15 फीसदी तक न रह जाए. इसके बाद इसे इकट्ठा कर लिया जाता है तथा ऐसे स्थान पर जहां बारिश का पानी न आ सके वहां इसे स्टोर कर सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal News: पशु पालने वाले लोग इस महीने में ये 8 काम जरूर करें

पशु बीमार हो जाते हैं और इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़...

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.
पशुपालन

Animal Husbandry: गाभिन पशुओं की ऐसे करें देखभाल, जानें पानी कितना पिलाएं, आहार में क्या खिलाएं

पशुपालन निदेशालय ने गाभिन पशुओं के हर दिन आहार की जरूरत बताई...

वर्ष भर विभिन्न मौसमों में उच्च गुणवत्तायुक्त चारे की नियमित आपूर्ति तय करने के लिए साइलेज के रूप में हरे चारे का स्टोरेज बहुत अहम है.
पशुपालन

Green Fodder Silage: हे बनाने में किन किन सावधानियों की जरूरत, जानें यहां

वर्ष भर विभिन्न मौसमों में उच्च गुणवत्तायुक्त चारे की नियमित आपूर्ति तय...