नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में राज्य सहकारी दुग्ध संघ का संचालन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा संभाले जाने के बाद दूध उत्पादकों को संघ से जोड़े रखने के लिए कई नए काम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में में भोपाल दुग्ध संघ अपने सदस्य उत्पादक किसानों की बेटियों का मामा बनने जा रहा है. जिसके तहत अब संघ से जुड़े दूध उत्पातक के परिकर की बेटी के विवाह में अधिकारियों का एक दल जाकर मामेरा (मामा की ओर से भानजी को उपहार) देगा.
बताया जा रहा है कि इसके तहत 11 भोपाल दुग्ध संघ से जुड़े दुग्ध उत्पादक 68 हजार सदस्य परिवारों में परंपरा निभाई जाएगी कि बेटी के विवाह पर अधिकारियों का दल जाएगा 11 हजार रुपये और साड़ी भेंट देगा.
क्यों शुरू किया है ये योजना
अधिकारियों ने बताया कि मामेरा की राशि के लिए क्रय किए गए प्रति किलो दूध पर दो पैसे एकत्र किए जाएंगे. इसमें उतनी ही राशि दुग्ध संघ भी मिलाएगा.
यह राशि विशेष कोष में जमा की जाएगी और इसी से मामेरा दिया जाएगा। इस कार्य को निगरानी और संचालन के लिए विशेष टीम बनाई गई है.
इसमें पांच से सात लोग रहेंगे. किसान परिवार में बेटी के विवाह का निर्माण मिलने पर तब दिनांक को संघ के सात से 11 लोगों का दल नकदी और साड़ी उपहार लेकर मामेरा देने जाएगा.
इसकी शुरुआत इस साल विवाह का मुहूर्त शुरू होने के साथ ही कर दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि अभी इसकी शुरुआत भोपाल दुग्ध संघ से हो रही है.
सीईओ, भोपाल दूध संघ प्रीतेश जोशी ने बताया कि जल्द ही मध्य प्रदेश दुग्ध संघ की सभी इकाइयों में यह परंपरा शुरू हो जाएगी.
भोपाल दुग्ध संघ में अभी 69 हजार दुग्ध उत्पादक जुड़े हुए हैं. इनमें से 45 से 48 हजार लोग प्रतिदिन दूध बेचते हैं. बाजार में कई सहकारी और निजी कंपनियां दुग्ध उत्पादकों को अपने साथ जोड़ रही है.
इसलिए कंपनी इसे इसलिए भावनाओं से जोड़ रही कि तमाम दूध उत्पादक किसान सांची से जुड़े रहें.
दुग्ध उत्पाठकों से हमारा रिখার केवल व्यावसायिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी है। दुग्ध संघ पूरा एक परियार है इसलिए हम सभी एक दूसरे के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।
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