नई दिल्ली. केंद्र सरकार से लेकर राज्य की सरकारों तक सभी पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अच्छा—खासा बजट खर्च किया जाता है. केंद्र सरकार हर साल हजारों करोड़ों रुपये पशुपालन पर खर्च करती है. इसके जरिये पशुओं की बीमारियों को दूर करने से लेकर प्रोडक्टिविटी बढ़ाने तक का काम किया जाता है. वहीं किसान पशुपालन करें, इसको लेकर सरकार की ओर से लोन की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है. वहीं किसान लोन लेकर पशुपालन कर भी रहे हैं. बात किसान क्रेडिट कार्ड की ही की जाए तो सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल पशुपालन में हो रहा है.
पशुपालन के जानकारों का कहना है कि पशुपालन को बढ़ावा देने के पीछे सरकार के कई मकसद है. एक तो इससे देश में दुग्ध क्रांति आती है. यानि दूध का उत्पादन बढ़ता है और किसानों के साथ-साथ सरकार को भी इसका फायदा मिलता है. वहीं देश के पशुधन का विकास होता है, जिससे पशुपालकों की आय बढ़ती है. वहीं पशुपालन से कृषि के विकास में अप्रत्यक्ष रूप से मदद मिलती है. इतना ही नहीं पशुपालन से कृषि संरक्षण सुगमता कार्यक्रम के जरिए किसानों, पशुपालकों, और भूस्वामियों को भी इसका फायदा मिलता है.
पशुपालन के फायदों के बारे में पढ़ें यहां
एनिमल एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि पशुपालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. वहीं इससे बेरोजगारी को दूर करने में भी मदद मिलती है. जबकि पशुपालन से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम किया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में गरीब लोगों को प्रोटीन और पोषक तत्व पशुपालन की वजह से मिलते हैं. वहीं कृषि में भी इसके अनगिनत फायदे हैं. कृषि और पशुपालन क्षेत्र में पशुपालन आत्मनिर्भर बनाने का काम करता है. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशु उत्पादकता राष्ट्रीय मिशन के तहत मवेशी और भैंसों की संख्या बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है. देशी नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए भी राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया है. पशुपालन डेयरी विभाग बायोगैस जैविक खाद का उत्पादन करके भी गाय के गोबर के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. वहीं किसानों को गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल करके जीवामृत बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है.
दूध उत्पादन में दुनियाभर में नंबर वन है भारत
पशुपालन को बढ़ावा देने की वजह से ही भारत दुनिया में आज दूध उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है. 4 नवंबर 2024 को सरकार की ओर से जारी किये आंकड़ों पर गौर करें तो भारत एक बार फिर से दूध उत्पादन के मामले में दुनिया भर में अपना पहला स्थान कामयाब रखने में सफल रहा है. सरकार ने बताया कि बीते वर्ष के मुकाबले इस साल 87 लाख टन ज्यादा दूध का उत्पादन भारत में हुआ है. जहां साल 2022-23 में 23.6 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया गया था. वहीं 2023-24 में 23.93 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया गया है. ये बढ़ोत्तरी तब है जब, भारत में प्रति पशु दूध उत्पादन कम है, अगर इसे बढ़ाने में कामयाबी मिल जाए तो फिर भारत दूध उत्पादन के न छू पाने वाले शिखर पर पहुंच सकता है.
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