नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले पशुपालकों को इस महीने कई काम करना चाहिए. ताकि अपने पशुओं से बेहतर उत्पादन ले सकें. यदि आप डेयरी पशुओं को पाल रहे हैं तो जान लें कि बाहरी परजीवी से बचाने के लिए इंतजाम कर लें. वहीं दुधारू पशुओं को कैल्श्यिम फासफोरस की भी जरूरत होती है. इतना ही नहीं कुछ इलाकों में पशुओं को एचएस या फिर बीक्यू जैसी बीमारी का भी खतरा रहता है. इसलिए इससे भी बचाव के लिए कदम उठाना चाहिए. ताकि पशुओं की सेहत खराब न हो और उत्पादन बेहतर मिलता रहे.
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) के एक्स्पर्ट ने इस संबंध में लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को अहम जानकारी दी है. जिसे हर पशुपालकों को जानना चाहिए. ताकि पशुपालन के काम में नुकसान से वो खुद को बचा सकें. क्योंकि एक बार पशुओं की तबीयत खराब हुई तो फिर इससे नुकसान होता है.
पशुपालकों के लिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह
पशुशाला को बाहरी परजीवियों यानि कीड़ों से बचाने के लिए इस महीने में उपाय करना बेहद ही जरूरी है.
ऐसा करने के लिए स्प्रे पेंटिंग और पशुओं के लिए डिपिंग स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है.
खेती बाड़ी एवं पशु प्रबंधन में यथासंभव सामंजस्य बनाये रखा जाना चाहिए.
पशुओं को अफरा से बचाने के लिए उन्हें संतुलित हरा चारा एवं दाना देना चाहिए.
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चा देने वाली मादा को संतुलित आहार एवं हल्का व्यायाम करवाते रहना चाहिए.
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि इस माह तक भेड़ पालक बंधु अपने भेड़ों से ऊन का स्टोर जरूर कर लें.
दुधारू पशुओं को 50 से 100 एमएल तरल कैल्शियम फास्फोरस पिलाया जाना चाहिए. इससे पशुओं की हड्डियां मजबूत होती हैं और दांत भी मजबूत होते हैं.
कुछ स्थानों पर कभी-कभी इस माह में एचएस.या बीक्यू की बीमारी भी देखने को मिलती है.
ऐसी स्थिति से बचने के लिए टीका नहीं दिये गये पशुओं को टीकाकरण करवा लेना चाहिए एवं पीड़ित पशुओं को पशु चिकित्सक की देख-रेख में चिकित्सा करवानी चाहिए.
निष्कर्ष
अक्टूबर के महीने में हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाती है. अगर बताई गई बातों पर अमल कर लिया जाए तो पशुपालन में फायदा मिलेगा.
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