नई दिल्ली. पशुओं में खुरपका-मुंहपका बीमारी खतरनाक मानी जाती है. इस बीमारी के कई नुकसान हैं. जहां इससे पशुओं की जान जाती है और पशुपालकों को नुकसान होता है तो वहीं देश से डेयरी प्रोडक्ट और बफैलो एक्सपोर्ट भी प्रभावित होता है. जिससे देश को भी नुकसान होता है. साथ ही आम किसानों को भी इसका नुकसान सहना पड़ता है. हालांकि भारत सरकार पशुपालन को लेकर गंभीर है और एफएमडी जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किया जा रहे हैं. उन्हीं प्रयासों में से एक वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी है. इसके जरिए पशुओं की हैल्थ को सुधारने का काम किया जा रहा है.
सरकार वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला कर जहां पशुओं की हैल्थ को सुधारने की कोशिश कर रही है तो वहीं अब देश के नौ राज्यों को एफएमडी फ्री जोन घोषित करने की भी तैयारी चल रही है. या ये कहा जाए की नौ राज्य एफएमडी फ्री जोन घोषित होने की कगार पर पहुंच गए हैं. जिससे आने वाले समय में पशुपालकों को खूब फायदा मिलेगा.
एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
जानकारों का कहना है कि अगर नौ राज्य एफएमडी फ्री जोन घोषित हो जाते हैं तो यहां से डेयरी प्रोडक्ट आसानी से विदेश में एक्सपोर्ट किया जा सकेंगे. वहीं बफैलो मीट भी विदेश में भेजा जा सकेगा. जानकार कहते हैं कि एफएमडी समेत ब्रुसेलोसिस बीमारी के कारण एक्सपोर्ट बुरी तरह से प्रभावित होता है. बता दें कि भारत दूध उत्पादन के मामले में नंबर वन है और यहां का बफैलो मीट भी दुनिया भर में पसंद किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात को एफएमडी फ्री जोन घोषित किया जा सकता है.
सरकार कर रही है कई काम
सरकार की ओर से ब्रुसेलोसिस बीमारी को लेकर वैक्सीनेश कार्यक्रम चलाया जा रहा है. किसानों के दरवाजे पर मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां भेजी जा रही हैं. जीवित निगरानी के लिए भारत पशुधन पोर्टल, पशु के लिए गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. पीएम किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण किया जा रहा है. वहीं किसानों के पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. टीकाकरण कार्यक्रम ने पशुधन स्वास्थ्य में सुधार किया जा रहा है. जिसके नतीजे में नौ राज्यों को एफएमडी फ्री जोन घोषित करने की कगार पर सरकार है.
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