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Animal Husbandry: अब पशुओं को नहीं होगा जोड़ों का दर्द, बदले जाएंगे घुटने, पढ़ें इसकी डिटेल

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समझौते पर साइन करने के फाइल दिखाते अधिकारी.

नई दिल्ली. पशुओं को जोड़ों में अक्सर दर्द की शिकायत रहती है. इससे पशुओं को उठने-बैठने और चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जाहिर सी बात है कि अगर पशु पूरी तरह से फिट नहीं है तो इसका असर उसकी सेहत पर पड़ता है और सेहत खराब होने पर उत्पादन पर भी इसका असर होता है. हालांकि पशुपालकों के लिए गुड न्यूज सामन आ रही है. अब पशुओं के जोड़ों की दर्द का निवारण हो जाएगा. दरअसल, ऑर्थोपेडिक इम्प्लांट के लिए लुवास और ऑर्थोटेक में एक समझौता साइन हुआ. जिसके तहत दर्द से जूझ रहे पशुओं के घुटने बदले जा सकेंगे.

अफसरों ने बताया कि अभी तक इंसानों की तरह पशुओं में भी हड्डियों/जोड़ों की समस्या से निजात पाने के लिए कृत्रिम इम्प्लांट किया जाता रहा है. हालांकि अब ये चिकित्सा प्रणाली पशुओं के लिए भी उपलब्ध होगी. इससे जोड़ों की दर्द से पीड़ित पशुओं को इलाज मुहैया कराया जा सकेगा.

समझौते पर हुआ हस्ताक्षर
बता दें कि लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में पशुचिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए आज 21 जून 2024 को लुवास ने ओर्थोपेडिक इम्प्लांट की निर्माता कंपनी “ओर्थोटैक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वलसाड़ गुजरात के साथ समझौता किया है. कुलपति सचिवालय में कुलपति डॉ. वर्मा की उपस्थिति में लुवास के मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. राजेश खुराना एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने ऑर्थोटेक के निदेशक श्री सुशांत बनर्जी एवं श्री. मती सुनीता बनर्जी के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए.

हड्डी का कैंसर भी ठीक होगा
सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन. चौधरी ने बताया कि इससे कुत्तों में हिप डिस्प्लेसिया एवं फ्रैक्चर को ठीक करने में काफी सहायता मिलेगी. इसके साथ हड्डी के कैंसर से ग्रसित पशुओं में विकृत हड्डी/जोड़ काटने के बाद पशु पूरी तरह से चलने फिरने में समर्थ होगा. पालतू पशुओं के लिए विशेष रूप से बने इम्प्लांट उपलब्ध नही होने से अभी इनका इलाज में काफी समस्या आती है.लुवास के डॉ. राम निवास के प्रयास स्वरूप, लुवास ओर्थोटेक के पशुओं के लायक इम्प्लांट की डिजाईन देगा, जो कि सबसे पहले कुल्हें के जोड़ में प्रत्यारोपित किया जाएगा. कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के साथ महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने भी प्रोजेक्ट की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी हैं.

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