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Dipotsav: इस बार दीपोत्सव में क्या रहेगा खास, यहां पढ़ें 28 लाख दीपों को सजाने के लिए कैसा है इंतजाम

diwali 2024
देखते ही बन रही है दीपों की सजावट.

नई दिल्ली. ​दीपोत्सव 2024 के मौके पर एक बार फिर से अयोध्या की नगरी से जो दीपों की रोशनी उठेगी तो वो पूरे विश्व को रोशन कर देगी. वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करने के लिए इसकी तैयारी जोरों से चल रही है. जहां यूपी सरकार की तैयारियां अंतिम चरण में है तो वहीं डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल की तरफ से सरयू के 55 घाटों पर अपनी टीम उतार दी गई है. दो हजार से अधिक पर्यवेक्षक, समन्वयक, घाट प्रभारी, दीप गणना व अन्य सदस्यों की देखरेख में 30 हजार से अधिक वालंटियर घाटों पर 28 लाख दीपों को सजाने की जिम्मेदारी है. राम की पैड़ी के घाट नम्बर 10 पर 80 हजार दीपों से वालंटियर प्रतीक के रूप में स्वास्तिक बनाया जा रहा है. यह दीपोत्सव आकर्षण का केन्द्र होने के साथ पूरे विश्व को शुभता का संदेश भी देगा. सिर्फ इसके लिए इसके लिए 150 से अधिक वालंटियर लगाये गए है.

गौरतलब है कि दीपोत्सव में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए दूसरे दिन विश्वविद्यालय परिसर और अन्य संस्थानों के वालंटियर जय श्रीराम के जयघोष के साथ राम की पैड़ी रवाना किए गए. सभी वालंटियर ने गले में क्यूआर कोड से लैस आईकार्ड, टी-शर्ट व कैप में घाटों पर दीपों को सजाना शुरू किया गया. बीच-बीच में वालंटियर द्वारा जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे और 16 गुणे 16 का दीयों का ब्लाक बना रहे है जिनमें 256 दीए सजा रहे है.

वालेंटियर्स के लिए हैं ये व्वस्थाएं
छोटी दीपावली के दिन 30 अक्टूबर को 28 लाख दीयों में तेल, बाती लगाकर देर शाम प्रज्ज्वलित करने के साथ एक नया विश्व रिकार्ड करने की बात कही जा रही है. दूसरी ओर घाटों पर घाट प्रभारी व समन्वयक द्वारा समय-समय पर वालंटियर को दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. बहुत ही सावधानी से वालंटियर गत्तों से दीए निकालकर घाटों पर बिछाने का कार्य कर रहे हैं. इन वालंटियर को घाटों पर स्वच्छ पानी पीने की व्यवस्था सामग्री संयोजक प्रो सिद्धार्थ शुक्ला व प्रो गंगाराम मिश्र की देखरेख में की गई है. सभी को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अतिरिक्त वांलटियर के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई. भोजन समिति के संयोजक प्रो चयन कुमार मिश्र व उनके सहयोगियों द्वारा भजन संध्या स्थल पर वालंटियर को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. दूसरी ओर विवि के उपकुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य द्वारा नगर निगम की मदद से घाटों की स्वच्छता के लिए टीम लगाई गई है और साफ—सफाई की जा रही है.

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दीयों को सजाते वालंटियर्स.

कब होगी दीपों की गिनती
दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो संत शरण मिश्र की ओर से बताया गया कि दीपोत्सव के वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए यूनिवर्सिटी परिसर समेत 14 महाविद्यालय, 37 इंटर कालेज, 40 एनजीओ के 30 हजार वालंटियर लगाये गए हैं. सरयू के 55 घाटों पर 30 एमएल दीए के 16 गुणे 16 का एक ब्लाक वालंटियर द्वारा बनाया जा रहा है. जिनमें 256 दीए बिछाये जा रहे हैं. दीपोत्सव के दिन 30 एमएल दीए में 30 एमएल सरसों को इस्तेमाल किया जायेगा. घाट प्रभारी व समन्वयक की देखरेख में बड़ी सावधानी से दीए में तेल डालने का काम करेंगे. दीए बिछाने का कार्य 28 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जायेगा. 29 से घाटों पर लगे दीए की गिनती की जायेगी. वहीं 30 अक्टूबर को घाटों पर लगे दीयों में बाती, तेल डालकर व प्रज्ज्वलन करके विश्व रिकार्ड बनायेंगे. दीपोत्सव की सफलता के लिए विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों, इंटर कालेज व स्वयंसेवी संस्थाओं की टीम काम कर रही है. सभी दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य को अंजाम दे रहे हैं.

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दीपों के लगाने के बाद का नजारा.

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