नई दिल्ली. जो किसान कम लागत लगाकर बेहतर आमदनी कमाना चाहते हैं तो वो मधुमक्खी पालन में हाथ आजमा सकते हैं. इससे वो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सवाल ये है कि मधुमक्खी पालन की शुरुआत कैसे की जाए और किस तरह इससे कमाई की जा सकती है. वैसे तो व्यवसायिक रूप से मधुमक्खी पालन की शुरुआत एक बॉक्स के जरिए की जाती है. जिसमें तीन तरह की मधुमक्खी होती है. रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खियां जिनकी संख्या 100 से 200 होती है और बाकी मधुमक्खियां को कुम्हेर मधुमक्खियां कहा जाता है. इन तीन तरह की मधुमक्खियों में सबसे ज्यादा रोल कुम्हेर मधुमक्खियों का ही होता है.
जगह का चयन कैसा करें
एक्सपर्ट कहते हैं कि मधुमक्खी पालन के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जहां पर नमी ज्यादा न हो. मसलन, जहां तालाब, नदी आदि ना हो. बल्कि इसके लिए ऐसी जगह का चयन करना चाहिए जहां पर पेड़ पौधे और चारों तरफ खुला हुआ वातावरण हो. ध्यान देने वाली बात यह है कि जहां पर मधुमक्खी पालन करना है, वहां पर प्राकृतिक रूप से या साफ पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिए. शहद के अच्छे उत्पादन के लिए बेहतर प्रजाति का चयन भी महत्वपूर्ण होता है. भारत में पांच प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं. एपीस डोंरसेटा, एपी फलेरिया, एपीस इंडिका, एपी मलिफेटा और मैलापोना ट्राइगोन. इसमें शुरुआती चार प्रजातियों को पाला जाता है. कृषि मामलों की जानकार कहते हैं कि सबसे ज्यादा जिन मधुमक्खियां का पालन करते हैं वह इटालियन मधुमक्खियां होती हैं.
विशेष प्रकार के बॉक्स की होती है जरूरत
1962 में इटली से हिंदुस्तान इंम्पोर्ट की गई थी. वहीं इंडियन प्रजाति की भी मधुमक्खियां का इस्तेमाल किया जाता है, जो केरल, तमिलनाडु और असम में होती है. मधुमक्खी पालन के लिए तीन तरह की मधुमक्खियां की आवश्यकता होती है. पहले पहले रानी मधुमक्खी, दूसरा नर मधुमक्खी और तीसरा कुम्हेर मधुमक्खी तीनों तरह की मधुमक्खियां को एक बॉक्स में रखा जाता है. इन सभी मधुमक्खियां के अलग-अलग कार्य होते हैं. प्राकृतिक रूप से मधुमक्खियां पेड़ के खोखले हिस्सों में दीवार की कोनों में या पुराने खंडहरों में छत्ता लगती हैं लेकिन व्यावसायिक रूप से शहर प्राप्त करने के लिए मधुमक्खियां को मौन ग्रह यानि लड़की के विशेष प्रकार के बॉक्स में रखा जाता है.
किस तरह रखा जाएगा बॉक्स
विशेष प्रकार के इन बॉक्स को मधुमक्खी पालन के लिए महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है. इसकी बनावट ऐसी बनाई जाती है, जिसमें मधुमक्खियां आसानी से आ जा सकें. इसमें शहद को इकट्ठा करने का भी प्रबंध होता है. इस बॉक्स को एक चौकोर स्टैंड पर स्थापित किया जाता है. स्टैंड के चारों पायों के नीचे पानी से भारी प्याली रखी जाती हैं, जिसके फल स्वरुप चीटियां मौन घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं. मौन ग्रह की बीच 4 से 5 मीटर का फासला रखना चाहिए. उन्हें पंक्ति में नहीं लगाकर बिखरे रूप में लगाया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि शुरुआती चरण में 1 लाख रुपये लगाकर बॉक्स के जरिए इसका पालन किया जा सकता है.
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